scriptUPSC Topper: इशिता किशोर की वो बातें जो आपको कर देगी हैरान, सिर्फ 45 घंटे ही करती थी हफ्ते में पढ़ाई, जानें उनकी सीक्रेट बातें | UPSC Topper Ishita Kishore Unknown facts did you know? | Patrika News
ग्रेटर नोएडा

UPSC Topper: इशिता किशोर की वो बातें जो आपको कर देगी हैरान, सिर्फ 45 घंटे ही करती थी हफ्ते में पढ़ाई, जानें उनकी सीक्रेट बातें

UPSC Topper: UPSC की ऑल इंडिया टॉपर इशिता किशोर अपनी कहानी सभी को सुना रही हैं। जैसे ही रिजल्ट आया तो सोसाइटी में मीडिया का मजमा लग गया। सभी उनके घर बधाईयां देने पहुंच गए। तो उनकी मां के आंखों में आंसू आ गए।

ग्रेटर नोएडाMay 25, 2023 / 01:33 pm

Priyanka Dagar

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UPSC Topper Ishita Kishore

UPSC Topper: ‘शुरुआती दो अटेम्प्ट में मेरा प्रिलिम्स एग्जाम भी नहीं निकला। वो वक्त बहुत मुश्किल था दोस्तो आप पूरे साल पढ़ाई करते हो और आपसे प्री एग्जाम भी नहीं निकलता, तो बहुत निराशा होती है। मैं खुशकिस्मत थी कि मेरे दोस्त और परिवार ने मेरा हौसला बढ़ाया। एहसास दिलाया कि मैं UPSC क्रैक कर सकती हूं।” ये हम नहीं कह रहे ये UPSC टॉपर इशिता किशोर के शब्द हैं। कई ऐसी बाते हैं जो उन्होंने बताई…तो हम आपको बता रहे हैं इशिता के बारे में कुछ दिलचस्प बातें।
परिवार के लोग मिठाईयां लेकर पहुंचे थे इशिता के घर
UPSC की ऑल इंडिया टॉपर इशिता किशोर अपनी कहानी सभी को सुना रही हैं। जैसे ही रिजल्ट आया तो सोसाइटी में मीडिया का मजमा लग गया। मिठाई के डिब्बे, केक, बुके, माला लेकर दोस्त, रिश्तेदार, पड़ोसी आने लगे। इशिता की 60 साल की मां ज्योति किशोर की आंखें नम थीं।
27 साल की इशिता किशोर का ये सिविल सेवा परीक्षा का तीसरा प्रयास था। इससे पहले दोनों ही प्रयासों में वो प्रिलिम्स परीक्षा भी क्वालिफ़ाई नहीं कर सकी थीं और तीसरी बार में उन्होंने टॉप किया।
इशिता ने बताई अपनी कहानी
एक सवाल जो हर सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने वाले से पूछा जाता है वो ये कि वो कितने घंटे पढ़ाई करते हैं। इशिता बताती हैं कि वह हफ्त भर में 42 से 45 घंटे तक पढ़ाई करती थीं। जिसका मतलब है कि वो आठ से नौ घंटे हर रोज़ पढ़ाई करती थीं।
आमतौर पर धारणा होती है कि यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करने वाले लोग सोशल मीडिया से दूरी बना कर रखते हैं। लेकिन इशिता इसकी ज़रूरत पर बात करती हैं। इशिता सोशल मीडिया अकाउंट चलाती हैं और तैयारी के दौरान भी चलाती रहीं। वह कहती हैं, “मैं इसका इस्तेमाल अपने दोस्तों के साथ संपर्क में रहने के लिए करती हूं। मैं इस सफ़र में अलग-थलग नहीं पड़ना चाहती थी और आज मेरे सारे दोस्त मेरेे साथ हैं और मेरे लिए ख़ुश हैं। ज़िंदगी में बैलेंस होना बहुत ज़रूरी है।”
बिहार की बेटी ने मां और नानी से सिखी मधुबनी पेंटिंग
इशिता स्पोर्ट्स की शौक़ीन हैं। उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर फ़ुटबॉल खेला है। उन्होंने फ़ुटबॉल टूर्नामेंट सुब्रतो कप साल 2012 में खेला था और अपनी टीम की कप्तान थीं। वह बताती हैं, “मैंने कई सारे स्पोर्ट्स खेले हैं और आज भी खेलती हूं।” इशिता ने अपनी मां और नानी से बिहार की मशहूर मधुबनी पेंटिंग सीखी है और वह मधुबनी पेंटिंग बनाती हैं।
पूरे परिवार को मां ने संभाला
इशिता दिवंगत विंग कमांडर संजय किशोर की बेटी इशिता किशोर ने कमाल कर दिया हर कोई यही बोल रहा है। साल 2004 में उनके पिता का निधन हो गया था। तब इशिता की उम्र 8 साल थी। मां ज्योति किशोर ने ही परिवार को संभाला। इशिता के बड़े भाई ईशान वकील हैं और दिल्ली हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करते हैं।
इशिता ने 2 साल मे ही छोड़ दी थी अपनी नौकरी
इशिता ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के श्रीराम कॉलेज ऑफ़ कॉमर्स से अर्थशास्त्र में बीए ऑनर्स किया है। लेकिन सिविल सेवा परीक्षा में उनका विषय राजनीति शास्त्र और अंतरराष्ट्रीय संबंध था। ये विषय उन्होंने क्यों चुना इस पर उन्होंने बताया, “राजनीति शास्त्र ग्रैजुएशन में मेरा एक विषय था तो मुझे इस विषय के बारे में थोड़ा आइडिया तो पहले से था। मुझे लगा कि राजनीति शास्त्र एक ऐसा विषय है जिसमें मैं ख़ुद को बेहतर तरीके से एक्सप्रेस कर सकती हूं और अंतरराष्ट्रीय संबंध समकालीन विषय है, मुझे लगा कि ये विषय मेरे लिए अर्थशास्त्र से बेहतर होगा। मैंने बहुत सोच समझकर अपने मज़बूत पक्ष का इस्तेमाल करने का फ़ैसला लिया।”
इशिता ने ग्रैजुएशन के बाद दो साल तक अर्न्स्ट एंड यंग कंपनी में बतौर रिस्क एनालिस्ट काम किया. इसके बाद उन्होंने नौकरी छोड़ कर सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने का फ़ैसला किया। फिर उन्होंने UPSC की तैयारी शुरू कर दी।

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