में इंटरमीडिएट के बायलॉजी और कॉमर्स सेकंड के पेपर परीक्षा से दो दिन पहले ही आउट दरअसल, ग्रेटर नोएडा के चीती व नंगला गांव के 10 शादी शुदा जोड़ों ने सामूहिक विवाह योजना के तहत लाभ पाने के लिए फर्जी तरीके से शादी रचाई है। अब इस शादी घोटाले के खुलासा होने से अधिकारियों के हाथ पांव फूल गए हैं। इसके बाद अधिकारी घर-घर जाकर सरकारी शादी की जांच कर रहे हैं। हालांकि यदि ये जांच आवेदन के समय ही की गई होती तो शायद ये शादी घोटाला नहीं होता। वहीं जो खुशी इन परिवारों को फर्जी शादी के कारण मिली थी अब वो इनके लिए मुसीबत का सबब बन गई है।
बता दें कि फरवरी की 24 तारीख को हुए जिले में सामूहिक विवाह समारोह में जिन जोड़ों की शादी हुई, उनमें 10 जोड़े ऐसे शामिल थे जो पहले से ही शादीशुदा थे। ये सभी ग्रेटर नोएडा के चीती और नंगला गांव के हैं। चीती गांव की रहने वाली लक्ष्मी ने बताया कि उसकी शादी आठ माह पहले सोविन्दर के साथ हुई थी। अब फिर से उसे शादी करनी पड़ी। इसके अलावा चीती और नंगला गांव के ही नवीन-सरिता, रविन्द्र-बबीता, रंजीत-सोनी, गिरीश-सरोज, बंटी-सोनिया, हरिओम-पूनम, पवन-फूला, विनीत-नीशू और मोहित-पिंकी नामक जोड़े भी ऐसे ही हैं, जिन्होंने शादीशुदा होने के बावजूद पैसे पाने के लालच में दोबारा विवाह कर सरकार और प्रशासन को धोखा दिया है।
अब जिला प्रशासन पूरे मामले की जांच करा रहा है और इसमें शादीशुदा जोड़ों के अलावा ग्राम प्रधान और विभाग के कर्मचारियों व अफसरों की भी जांच की जा रही है। जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त प्रशासनिक और दंडात्मक कार्रवाई करने की बात कही जा रही है। सीडीओ अनिल कुमार शर्मा ने बताया कि हमें जानकारी मिली कि लोगों ने फर्जी तरह से शादी की है। इनकी जांच की जा रही है और जांच के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा क्या सच है।
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गौरतलब है कि सरकारी शादी योजना इसके तहत सरकार की ओर से एक कन्या के विवाह पर कुल 35 हजार रुपये खर्च करने का प्रावधान किया गया है। इसमें 20 हजार रुपये नकद और 15 हजार रुपये का सामान देने का नियम बनाया गया है। बीती 24 फरवरी को जिलाधिकारी की देखरेख में 62 कन्याओं की सामूहिक शादी कराई गई थी। इसमें हिन्दू-मुस्लिम दोनों की धर्म के मानने वाले लोग शामिल थे।