किसानों को बस में ले गई पुलिस
बीटा-2 क्षेत्र में परिचौक के पास जीरो पॉइंट पर पहुंचने से पहले किसानो को पुलिस ने रोक लिया। पुलिस किसानों को जबरदस्ती बसों में बैठाकर पुलिस लाइन ले गई। मामले की गंभीरता को देखते हुए महामाया और राष्ट्रीय दलित प्रेरणा स्थल पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया।
क्या है किसानों की मांगे
MSP, कर्जा माफी, पेंशन, लखीमपुर खीरी कांड के आरोपियों को सजा, आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा, भूमि अधिग्रहण पर किसानों को कलेक्टरेट रेट से चार गुना मुआवजा, विश्व व्यापार संगठन और मुक्त व्यापार समझौतों से दूरी बनाकर घरेलू किसानों के हित सुरक्षित करने और मनेरा की दिहाड़ी बढ़ाने सहित किसानो के कुल 12 मांगे हैं। क्या है पूरा मामला ?
किसान अपनी बराह सूत्रीय मांगों को लेकर धरनारत हैं। बीते दिनों किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा था कि शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे नोएडा के किसानों को जेल में डाल दिया गया। क्या किसान अपनी जमीन का मुआवजा नहीं मांग सकते? केंद्र सरकार और राज्य सरकार को चाहिए कि अपनी गलतियां स्वीकार करें। वे किसानों से बात क्यों नहीं करेंगे? अगर बातचीत से चीजें हल हो सकती हैं, तो कल हमें विरोध करने की क्या जरूरत है?