यूपी के इस हाईवे पर अब ऑनलाइन जमा कर सकेंगे टोल टैक्स, ऐसे मिलेगी सुविधा फिलहाल ग्रेटर नोएडा शहर को 67 एमएलडी पानी की जरुरत की आवश्यकता है। अथॉरिटी अफसरों की माने तो पानी की कोई कमी नहीं है। फिलहाल 75 एमएलडी पानी उपलब्ध है। यह पानी भूमिगत से लिया जा रहा है। वहीं भूमिगत पानी का दोहन रोकने के लिए गंगाजल प्लांट लगाने की तैयारी की जा रही है। इसके बाद में जल का दोहन पूरी तरह रुक जाएगा। दरअसल में पानी के अधिक दोइहन से यह खरा होता जा रहा है। खारा होते पानी को देखते हुए अथॉरिटी अफसरों ने यह निर्णय लिया है। देहरा गंग नहर से पानी की सप्लाई की जाएगी। उसके बाद में पानी का ट्रीटमेंट पल्ला गांव में किया जाएगा। यहां प्लांट तैयार किया जा रहा है।
ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के एसीईओ बीके त्रिपाठी व जीएम राजीव त्यागी ने पल्ला स्थित प्लांट का निरीक्षण किया। अक्टूबर महीने तक गंगाजल का पानी शहरवासियों को देने की प्लानिंग की। शहर में पानी की कभी कोई कमी नहीं थी। लेकिन धीरे-धीरे पानी के दोहन से दिक्कत बढ़ने लगी है। कंक्रीट के जंगल मे तब्दील होते शहर में जलस्तर काफी नीचे चला गया है। ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने देहरा से पल्ला गांव तक पाइपलाइन बिछाने के लिए 17 गांवों की जमीन अधिग्रहीत की थी।