मुन्ना बजरंगी हत्याकांड:
एडीजी, डीआईजी और प्रभारी जेल समेत अन्य अधिकारियों ने घटनास्थल पर जाकर जांच की। एडीजी ने कहा कि पूरे मामले की न्यायिक जांच की जा रही है। जेलर व डिप्टी जेलर समेत 5 के खिलाफ कार्रवाई की जा चुकी है। हालाकि पिस्टल के बारे में अभी कोई ठोस जानकारी नहीं दी जा रही है। आखिर पिस्टल कैसे पहुंची और किस-किस ने जेल तक पहुंचाने में उसकी मदद की है।
अभी तक पुलिस की जांच में समाने आया है कि रंगदारी को लेकर सुनील और मुन्ना बजरंगी के बीच में कहासुनी हो गई थी। इसी कहासुनी के चलते सुनील ने पिस्टल से गोली मारकर उसकी हत्या कर दी थी। पुलिस की टीम हत्या में यूज की गई पिस्टल को बरामद कर चुकी है। बताया गया है कि मुन्ना बजरंगी पर 8 से अधिक गोलियां चलाई गई थी। जेल के अंदर ताबड़तोड़ गोलियां चली थी। पूरे मामले में जेल में बंद कैदी भी जुबान खोलने को तैयार नहीं है। सुत्रो की माने तो जेल के अधिकारी भी मसले पर कैदियों से पूछताछ कर रहे है, लेकिन कोई जुबान खोलने को तैयार नहीं है।
पूर्वांचल के कुख्यात रहे मुन्ना बजरंगी के शव का अंतिम संस्कार किया जा चुका है। लेकिन मौत के बाद में तमाम सवाल के घेरे में पुलिस प्रशासन है। साथ ही परिजन भी लगातार सवाल उठा रहे है। मुन्ना की पत्नी सीमा सिंह राजनीतिक संरक्षण के चलते हत्या करने का आरोप लगा चुकी है। उन्होंने आरोप लगाए थे कि तीन लेयर वाली जेल में मुन्ना कैसे पिस्टल ले गया। इस मसले को लेकर पुलिस की लापरवाही भी सामने आ रही है। परिजनों ने आरोप लगाए है कि पुलिस ने मौके पर मुन्ना को अस्पताल में ले जाने की जरुरत ही नहीं समझी। परिजनों का आरोप है कि उसे पुलिस ने ही मृत घोेषित कर दिया है। उधर एसपी जयप्रकाश के मुताबिक मुन्ना की गोली लगने से मौत हो चुकी है थी।