भाजपा के प्रचंड बहुमत की कांग्रेस ने बताई यह बड़ी वजह, भाजपाई हैरान
वेस्ट यूपी को बसपा-सपा का गढ़ माना जाता है। दोनों पार्टी जातीय समीकरण के चलते बड़ी जीत हासिल करने में कामयाब रहते हैं। लोकसभा चुनाव 2019 में पूरे प्रदेश में भाजपा की लहर नजर आई, लेकिन वेस्ट यूपी के मेरठ, मुरादाबाद और सहारनपुर मंडल की 14 में से 7 सीट पर गठबंधन प्रत्याशियों ने कब्जा जमाया। वेस्ट यूपी 14 लोसकभा सीटों पर गठबंधन ने अपने प्रत्याशी उतारे थे। यहां बसपा ने खुद के पास 7 सीटें रखी, सपा को 5 और रालो को 2 सीट दीं। इनमें से बसपा के 7 में से 4 और सपा के 3 प्रत्याशी ही जीत हासिल कर सके।राजनीतिक एक्सपर्ट का कहना है कि मायावती ने दूरदर्शिता दिखाते हुए लोकसभा चुनाव 2019 में समाजवादी पार्टी से दोगुनी सीट हासिल की। लेकिन सपा नहीं बढ़ पाई। एक्सपर्ट का कहना है कि सपा को गठबंधन से नुकसान हुआ है। भाजपा के उत्तर प्रदेश प्रशिक्षण पृरकल्प विभाग के प्रदेश संयोजक श्रीचंद शर्मा का कहना है कि भाजपा ने भी मायावती से गठबंधन किया था। लेकिन काफी पीछे हो गए। भाजपा को प्रदेश में जमीन तलाशने में लंबा वक्त लग गया। उनका कहना है कि सपा को गठबंधन से नुकसान हुआ है, जबकि मायावती को फायदा। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में सपा को नुकसान होगा। जिस तरह मायावती ने लोसकभा चुनाव में सीटें हासिल की। उससे मुस्लिम वोटर बसपा की तरफ जा सकता है। उन्होंने कहा कि अगर मुस्लिम वोटर बसपा के पास चला गया तो समाजवादी पार्टी के पास कुछ नहीं बचेगा। उन्होंने कहा कि यह गठबंधन यूपी में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले ही टूट जाएगा।