बता दें कि प्राधिकरण ने काफी समय से एलॉटमेंट रेट में वृद्धि नहीं की थी। जबकि आधारभूत परियोजनाओं पर तेजी से काम हो रहा है। प्राधिकरण शहर के रखरखाव पर भारी-भरकम रकम खर्च कर रहा है। जमीन की मांग भी काफी बढ़ गई है। अधिकारियो का कहना है कि ग्रेटर नोएडा की ओर से निर्धारित दर से अधिक कीमत पर लोगों को पहले से ही जमीन खरीदनी पड़ रही थी। जमीन की कीमत बढ़ने का कारण इस क्षेत्र में बनने वाला जेवर एयरपोर्ट है, इसके कारण इलाके के लोगों को एक्सप्रेसवे, पॉड टैक्सी और मेट्रो जैसी सुविधाएं मिल जाएंगी। यह क्षेत्र के तेजी से विकास में सहायक होने वाली है। इसे देखते हुए प्राधिकरण ने सभी तरह की प्रापर्टी की एलॉटमेंट रेट में बदलाव का निर्णय लिया है।
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नवनियुक्त CEO सुरेंद्र सिंह बोले- भ्रष्ट अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ होगी कार्रवाई रेजिडेंशियल प्लॉट में 15 से 26 फीसदी की वृद्धि रेजिडेंशियल प्लॉट के एलॉटमेंट रेट में 15 से 26 फीसदी की वृद्धि की गई है। आवासीय श्रेणी में पहले जमीन की कीमत 24 हजार रुपये से 33,300 रुपये प्रति वर्गमीटर के बीच थी। अब यह बढ़कर 34 हजार रुपये से 39 हजार रुपये प्रति वर्गमीटर के बीच कर दी गई है। बिल्डर प्लॉट्स की दरें अब 35 हजार से 45 हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर के बीच होंगी। इससे अब अपना घर बनाना महंगा हो जाएगा। साथ ही जमीन की कीमत बढ़ने से फ्लैट की कीमत में भी बढ़ोतरी हो जाएगी।
इंडस्ट्रियल भूखंडों की दरों 4000 रुपये प्रति वर्गमीटर तक का इजाफा इंडस्ट्रियल क्षेत्र में भूखंडों की दर में 1400 से लेकर 4000 रुपये प्रति वर्गमीटर का इजाफा किया गया है। इंडस्ट्रियल श्रेणी के लिए पहले प्लॉट के दरों का निर्णारण 8100 रुपये से 21 हजार रुपये प्रति वर्गमीटर किया गया था। अब इनकी कीमत बढ़ाकर 9500 रुपये से 25 हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर तक कर दी गई है। संस्थागत और आईटी भूखंडों की कीमत पहले 9000 रुपये से 20 हजार रुपये प्रति वर्गमीटर थी। अब इसकी कीमत 15 हजार रुपये से 22,500 रुपये प्रति वर्ग मीटर होगी।
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यूपी बोर्ड के विद्यार्थी ध्यान दें… कक्षा 9 से 12 तक के सभी स्टूडेंट्स को बनानी होगी ई-मेल आईडी पूजा स्थल बनाने के लिए भी बढ़ी कीमत नई बसने वाली कॉलोनियों में बाजार से लेकर पूजा स्थल तक बनाने के लिए जमीन की कीमत बढ़ गई है। सब्जी कियोस्क या दूध बूथ स्थापित करने के लिए प्लॉट में 14 से 21 फीसदी के बीच वृद्धि देखी जाएगी। पूजा स्थलों के निर्माण के लिए भूमि की आवंटन दरें पहले 10,940 रुपये से 18 हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर थीं। इसे संशोधित कर 12 हजार से 18 हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर कर दिया गया है। अधिकारियों ने कहा कि बढ़ती बाजार कीमत और लागत मुद्रास्फीति की वजह से दरों में संशोधन की जरूरत पड़ी है।