scriptशर्मनाक! अस्पताल के बाहर कार में ही तड़प-तड़पकर मर गई महिला, डॉक्टर देखने तक नहीं पहुंचे | lady died outside giims hospital due to negligence | Patrika News
ग्रेटर नोएडा

शर्मनाक! अस्पताल के बाहर कार में ही तड़प-तड़पकर मर गई महिला, डॉक्टर देखने तक नहीं पहुंचे

ग्रेटर नोएडा के जिम्स अस्पताल की घटना है। महिला के साथी डॉक्टरों से लगाते रहे गुहार। मरने के बाद साढ़े तीन घंटे तक पड़ी रही महिला।

ग्रेटर नोएडाApr 30, 2021 / 04:50 pm

Rahul Chauhan

covid.jpg
पत्रिका न्यूज नेटवर्क

ग्रेटर नोएडा। कोरोना काल के इस दौर में डॉक्टरों की संवेदनहीनता और लचर चिकित्सा व्यवस्था के चलते एक महिला अपनी कार में तड़पती रही, लेकिन उसे अस्पताल में एडमिट नहीं किया गया। जब महिला ने तड़प तड़पकर कार में ही दम तोड़ दिया, तब डॉक्टर आए और उसे मृत घोषित कर चले गए। डॉक्टरों ने उस महिला के शव को मोर्चरी तक भिजवाने का व्यवस्था भी नहीं की और वह महिला साढे 3 घंटे तक मृत व्यवस्था में कार में ही पड़ी रही। ये घटना ग्रेटर नोएडा राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (जिम्स) की है।
दरअसल, ग्रेटर नोएडा के बीटा-2 में रहने वाली जागृति कुछ दिनों से बीमार चल रही थी। जब उसे सांस लेने में परेशानी होने लगी और ऑक्सीजन लेवल कम हो गया तो उसके साथी और किराएदार ने उसे अस्पताल में भर्ती कराने के प्रयास किया। वे उसे लेकर नोएडा के सभी अस्पतालों में घूमे, लेकिन किसी ने भी भर्ती करना तो दूर उसका इलाज तक नहीं किया। अंत में वह 12:30 बजे करीब जिम्स अस्पताल पहुंचे।
यह भी पढ़ें

ऑक्सीजन व गैस सिलेंडर गोल ही क्यों होता है, वजह जानकर हैरत में पड़ जाएंगे आप

जागृति की साथी बार-बार डॉक्टर से रिक्वेस्ट की एक बार चलके उसके मरीज को देख लें क्योंकि उसकी हालत तेजी से बिगड़ रही है। लेकिन डॉक्टर राजी नहीं हुए और उसे कहीं ले जाने को कह दिया। इस सारी कवायद में 3 घंटे बीत गए और इस बीच अपनी खुद की सांसों को जागृति संभाल नहीं पाई और उसकी साँसे थम गई। जागृति की साथी ने डॉक्टरों से जाकर कहा कि उसकी हालत बेहद क्रिटिकल और सांस भी थम सी गई है। तब डॉक्टर बाहर आए जागृति का जांच करने के बाद उसे मृत घोषित कर दिया।
यह भी पढ़ें

शूटर दादी चंद्रो तोमर ने दुनिया को कहा अलविदा, मेडिकल कॉलेज में चल रहा था कोरोना का इलाज

इस घटना के चश्मदीद रहे सचिन कहते हैं कि वह वहां पर अपने एक मरीज को भर्ती कराने के लिए गए थे और जागृति की बिगड़ती हालत देखते हुए वह भी बार-बार डॉक्टर से रिक्वेस्ट कर रहे थे कि उसकी देखभाल की जाए। लेकिन कोई डॉक्टर नहीं आया। डॉक्टरों ने यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि बेड नहीं है। जब सचिन ने उनके साथ बहस की कि आपके वहां पर कितने लोग डिस्चार्ज हुए तो डॉक्टर ने बताया कि 13 लोग डिस्चार्ज हुए हैं लेकिन उनकी जगह भर गई है। इस बात डॉक्टर इतने नाराज हो गए उन्हें सचिन के मरीज को ही एडमिट करने से इंकार कर दिया और उन्हे दूसरे अस्पताल ले जाना पड़ा।
https://youtu.be/t7Bbb9B5TcI

Hindi News / Greater Noida / शर्मनाक! अस्पताल के बाहर कार में ही तड़प-तड़पकर मर गई महिला, डॉक्टर देखने तक नहीं पहुंचे

ट्रेंडिंग वीडियो