जानकारी के लिए बता दें कि एयरपोर्ट बनाने के लिए पूर्व में केंद्र सरकार की तरफ से सुरक्षा मंजूरी (सिक्योरिटी क्लीयरेंस) मिल चुकी है। इससे पहले नागर विमानन महानिदेशालय ने भी नोएडा एयरपोर्ट के लिए जरूरी अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी कर दिया है। जिसके बाद केवल ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन (बकास) और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण की ओर से अनापत्ति व सुझाव मिलने बाकि थे। इनमें से बुधवार को ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन (बकास) ने मंजूरी दे दी है। जिस पर योगी सरकार ने खुशी जाहिर की है।
2023-24 में होगा एयरपोर्ट का काम शुरू गौरतलब है कि भाजपा सरकार का दावा है कि नोएडा एयरपोर्ट अगले दो से तीन वर्ष में शुरू हो जाएगा। एयरपोर्ट के मास्टर प्लान के मुताबिक पहले चरण में दो रनवे बनाए जाने हैं और वर्ष 2023-24 तक इस एयरपोर्ट से फ्लाइट ऑपरेशन शुरू हो जाएंगे। इस एयरपोर्ट परकुल 5 रनवे बनाने की प्लानिंग है। इसका क्षेत्रफल करीब 5000 हेक्टेयर होगा और इसके निर्माण में करीब 15 से 20 हजार करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है। वहीं एयरपोर्ट के दूसरे चरण के लिए सात गांवों की जमीन अधिगृहण की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। उत्तर प्रदेश सरकार ने चालू वित्त वर्ष के बजट में गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन को एयरपोर्ट के लिए ढाई हजार करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। जिससे किसानों से जमीन खरीदी जाएगी।
दूसरे चरण में इन गांवों की जमीन अधिग्रहीत की जाएगी करौली बांगर कुरैब बीरमपुर दयानतपुर रन्हेरा नंगलाशाहपुर मुंढेरा