ईपीसीएच के चेयरमैन रवि के. पासी ने बताया कि गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड्स ने 25 वर्चुअल हालों में फैले आईएचजीएफजीएफ दिल्ली मेले के 49वें संस्करण को पहले हस्तशिल्प वर्चुअल ट्रेड फेयर के तौर पर प्रमाणित किया है। ईपीसीएच व्दारा आयोजित इस मेले में देश के कोने-कोने के 1300 से ज्यादा निर्माताओं और निर्यातकों ने हिस्सा लिया। ईपीसीएच के महानिदेशक राकेश कुमार ने बताया कि 108 देशों के करीब 4150 ओवरसीज बायर्स, बाइंग एजेंट्स, डोमेस्टिक रिटेल वाल्यूम खरीदारों ने इस वर्चुअल मेले में हिस्सा लिया और अपनी घरेलू उत्पादों, होम डेकोर, लाइफ स्टाइल, फैशन, फर्नीचर और टेक्सटाइल की चीजों को खरीदने की इंक्वायरी की। उन्होंने बताया कि दुनिया के कई क्षेत्रों से यानी यूरोप (1050),उत्तरी अमरीका (750), आसियान क्षेत्र (525), एशिया (350), दक्षिणी अमरीका (255), खाड़ी देशों (250) और अफ्रीका (202) ओवरसीज बायर्स ने मेले में हिस्सा लिया। सात दिन के इस आयोजन के दौरान 320 करोड़ रुपये मूल्य की सीरियस बिजनेस इनक्वायरी हुई है।
राकेश कुमार ने बताया कि वर्चुअल मोड पर आयोजित इस मेले ने समुदाय को राहत दी है, क्योंकि मार्च 2020 के बाद से ही निर्यातक लगातार हो रहे लॉकडाउन और कारीगरों द्वारा अपने घरों को हो पलायन की वजह से बेसहारा महसूस कर रहे थे। उनके लिए अपनी खर्च की हुई फिक्स्ड कॉस्ट यानी लागत मूल्य निकालना भी मुश्किल हो रहा था। मेले के मुख्य आकर्षण जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर क्षेत्र के उत्पादों के साथ ही फैशन शो, कलाशिल्प का प्रदर्शन, वेबिनार्स और पैनल डिस्कशन भी रहे। आईएचजीएफ दिल्ली फेयर के शानदार सफल आयोजन बनाने में जिन एसोसिएट संगठनों ने अपनी भूमिका निभाई उन्हें भी अवार्ड्स दिए गये।
गौरतलब है कि आईएचजीएफ दिल्ली फेयर का आयोजन इस वर्ष ग्रेटर नोएडा स्थित एक्सपो मार्ट सेंटर में होना था। लेकिन, कोरोना के चलते इसे वर्चुअल मोड में आयोजित किया गया। इसका उद्घाटन केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी द्वारा किया गया था। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इसके लिए बधाई दी थी। इसमें देश-विदेश के तमाम लोग हिस्सा लेते हैं और अपने सामान का प्रदर्शन करते हैं। जिससे सैकड़ों करोडों का कारोबार होता है।