सेना से रिटायर होने के बाद कंपनी से जुड़ा दादरी (Dadri) स्टार वन की टीम ने आरोपी पुष्पेंद्र को स्याना (Bulandshahr) के गांव मोहनगर स्थित उसके घर से गिरफ्तार किया है। उसको मंगलवार को पकड़ा गया है। वह बाइक बोट कंपनी में निदेशक के पद पर था। पुष्पेंद्र सिंह लौच 2017 में सेना से रिटायर हुआ था। इसके बाद वह बाइक बोट कंपनी से जुड़ गया। इसके बाद उसने दोगुने फायदे का लालच देकर हजारों लोगों की रकम कंपनी में लगाई। इससे खुश होकर कंपनी मलिक संजय भाटी ने उसको टोयोटा फाॅर्च्यूनर कार दी। साथ ही कंपनी का निदेशक पद भी दे दिया। पुलिस के मुताबिक, आरोपी ने उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, बिहार, बंगाल और दिल्ली आदि कई राज्यों में करीब 40 हजार निवेशकों के पैसे कंपनी में लगवाए थे। इनमें ज्यादातर पीड़ित फौजी हैं। बताया जा रहा है कि इसके लिए पुष्पेंद्र को 8 से 10 करोड़ रुपये कमीशन में मिले थे।
फरार चल रहा था आरोपी बाइक बोट घोटाले में एफआईआर दर्ज होने के बाद से पुष्पेंद्र फरार चल रहा था। पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी के लिए 25 हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया हुआ था। पुष्पेंद्र को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। इस मामले में संजय भाटी समेत सात आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। सीओ दादरी सतीश कुमार का कहना है कि लोगों के साथ ठगी करने वाले इस कंपनी के बाकी सदस्यों को भी जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
ऐसे फंसाया लोगों को आपको बता दें कि संजय भाटी ने बाइक बोट कंपनी शुरू की थी। इसमें लोगों को एक वर्ष में रकम दोगुनी करने का लालच दिया गया था। इस झांसे में फंसकर देश के गई राज्यों से करीब ढाई लाख लोगों ने अपनी मेहनत की कमाई कंपनी में लगा दी थी। इससे करीब 42 हजार करोड़ रुपये जमा हुए थे। कुछ माह तक तो लोगों को पैसे दिए गए लेकिन बाद में रकम देनी बंद कर दी गई। पैसे फंसने पर पीड़ितों ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर भी प्रदर्शन किया था। इस मामले में संजय भाटी ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया था, जबकि 38 आरोपी अभी फरार हैं।