दरअसल, यमुना विकास प्राधिकरण ने अजनारा बिल्डर को सेक्टर 22ए में 25 एकड़ एक लाख वर्गमीटर का भूखंड आवंटित किया था। बिल्डर ने इस भूखंड पर पैनोरमा नाम से परियोजना लांच की थी। बिल्डर ने 11 दिसंबर को इसकी लीज डीड कराई, लेकिन किस्तों का समय से भुगतान नहीं किया। बिल्डर को 3266 रेजिडेंशियल यूनिट बनाने की मंजूरी अथॉरिटी ने दी थी। इसमें से 695 फ्लैटों के लिए प्राधिकरण ने कंपलीशन सर्टिफिकेट जारी कर दिया है। सीईओ डाॅ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि बिल्डर ने 2011-13 और 2013-15 की अवधि में शून्यकाल का लाभ लिया, लेकिन परियोजना को पूरा करने में रुचि नहीं दिखाई। जबकि फ्लैट खरीदारों से बिल्डर पैसा वसूल करता रहा।
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20 से पहले हो सकती है बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति, ब्राह्मण फॉर्मूले में फंसा पेंच रीशेड्यूलमेंट के बाद नहीं किया किस्तों का भुगतान प्राधिकरण ने जून 2017 में बिल्डर को नोटिस जारी कर एक करोड़ चार लाख 626 रुपये जमा कराने को कहा, लेकिन बिल्डर ने 54 लाख रुपये का भुगतान ही किया। अक्टूबर 2017 में प्राधिकरण ने बिल्डर को फिर नोटिस जारी कर चार करोड़ 63 लाख रुपये जमा करने को कहा। वर्ष 2019 में बिल्डर ने बकाया राशि का रीशेड्यूलमेंट करा लिया। इसके बावजूद किस्तों का भुगतान नहीं किया और एस्क्रो खाता भी नहीं खुलवाया। रीशेड्यूलमेंट के बाद लगातार तीन किस्तों का भुगतान न करने पर आवंटन निरस्त करने का प्रविधान है। इस अधिकार का प्रयोग करते हुए प्राधिकरण ने बिल्डर का आवंटन निरस्त कर दिया है।
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आजम खान के करीबी सपा नेता को भूमाफिया घोषित कर 2 करोड़ की संपत्ति पर चला बुलडोजर खरीदारों के हित में प्राधिकरण पूरा करेगा प्रोजेक्ट सीईओ ने बताया कि अजनारा बिल्डर प्राधिकरण को अब तक करीब 46 करोड़ रुपये का भुगतान कर चुका है। जबकि 42.82 करोड़ रुपये का बकाएदार है। बिल्डर की कुल जमा राशि में 25 प्रतिशत प्राधिकरण ने जब्त कर ली है। शेष 75 फीसद बिल्डर को तभी मिलेगी जब वह बैंक का नो ड्यूज प्राधिकरण को देगा। इसके साथ ही परियोजना में फ्लैट बुक कराने वालों से वसूली गई राशि, उन्हें वापस की गई राशि के अलावा फ्लैट पर कब्जा ले चुके खरीदारी की जानकारी देनी होगी। सीईओ ने कहा कि अजनारा बिल्डर की पैनोरमा परियोजना में फ्लैट खरीदारों का हित पूरी तरह से सुरक्षित रखा जाएगा। खरीदारों को फ्लैट पर कब्जा देने के लिए प्राधिकरण परियोजना को पूरा करेगा।