दरअसल, यह घटना बादलपुर थाना क्षेत्र स्थित बिसौली गांव की है। जहां कूलर के पैड व घास बनाने की फैक्ट्री है। मुख्य अग्निशमन अधिकारी (सीएफओ) अरुण कुमार सिंह ने बताया कि आग लगने की सूचना सुबह करीब पांच बजे मिली थी। इसके बाद तत्काल चार फायर टेंडर को आग पर काबू करने के लिए भेजा गया, लेकिन आग काफी भीषण थी और फैक्ट्री के अंदर दो दर्जन कर्मचारी फंसे हुए थे। आग लगते ही सभी कर्मचारियों को रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर बाहर निकाला गया, लेकिन तीन-चार महिलाएं व युवतियां आग की चपेट में आकर झुलस गईं। उन्हें आनन-फानन अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां उनका उपचार चल रहा है।
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UP Weather Update: नहीं मिलेगी गर्मी से राहत, प्रदेश में 42 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा तापमान घायलों को गंभीर घाव नहीं सीएफओ अरुण कुमार सिंह ने बताया कि गनीमत यह रही कि घायलों को गंभीर घाव नहीं आए हैं और किसी तरह की जनहानि भी नहीं हुई है। फैक्ट्री में लगी आग पर काबू पाने के लिए दमकल की कई गाड़ियां मौके पर पहुंचकर राहत एवं बचाव कार्य में जुटी रहीं। कड़ी मशककत के बाद दमकल विभाग ने आग पर काबू पा लिया। लेकिन, फैक्ट्री का टीन शेड गिर जाने से आग अंदर ही अंदर सुलग रही है, जिसे बुझाने का काम किया जा रहा है। हालांकि अभी यह पता नहीं चल सका है कि आग कैसे लगी। आग पूरी तरह से बुझ जाने के बाद सभी बिंदुओं पर जांच और नुकसान का आंकलन किया जाएगा।
गाजियाबाद. लोनी इलाके के गांव शकलपुरा में अचानक उस वक्त भगदड़ मच गई। जब गांव में एक पशु के अहाते में भीषण आग लग गई। जैसे ही लोगों ने आग लगते देखी तो पूरे गांव और आसपास के लोग आग को बुझाने में जुट गए। लोगों ने कड़ी मशक्कत के बाद अहाते में बंधे हुए पशुओं को बाहर निकाला। लेकिन, गोदाम में रखे पशुओं के चारे को नहीं बचा सके। वहां रखा सभी सामान और पशुओं का चारा जलकर राख हो गया। दमकल विभाग को भी सूचित किया गया, लेकिन दमकल विभाग की गाड़ी जब तक मौके पर पहुंची, तब तक गांव वालों ने आग पर काबू पा लिया था। बताया जा रहा है कि अगर ग्रामीण समय पर पशुओं को अहाते से नहीं निकालते तो बड़ी हानि हो सकती थी।