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गर्मी के मौसम में विभिन्न सोसाइटी में बने स्विमिंग पूल शुरू किए जा चुके है। लेकिन अभी तक जिला प्रशासन से संचालकों ने एनओसी नहीं ली है। ये पूल सेहत के साथ-साथ आपकी जान को जोखिम में डाल सकते है। जिले में हाईराइज बिल्डिंग, स्कूल, क्लब, सोसाइटी आदि में 345 स्विमिंग पूल है। स्विमिंग पूल संचालकों की तरफ से एनओसी के लिए आवेदन किए गए है।
सिटी मजिस्ट्रेट आॅफिस में अभी तक 207 आवेदन एनसीओ के लिए आए है। जिला प्रशासन के आॅफिसरों की माने तो 107 स्विमिंग पूल का निरीक्षण किया गया था। इनमें से 95 मानकों पर खरे नहीं उतरे हैं। खास बात यह है कि मानकों पर खरे सोसाइटी में बने स्विमिंग पूल नहीं उतरे है। गाइडलाइंन के मुताबिक मानक पूरे नहीं होने पर इन्हें एनओसी जिला प्रशासन जारी नहीं कर सकता है।
प्रशासन के अधिकारियों की माने तो अभी तक 10 हीं स्विमिंग पूल को एनओसी जारी की गई है। अधिकारियों ने बताया कि जिले में ऐसे भी स्विमिंग पूल संचालित हैं, जिन्होंने एनओसी नहीं ली है। कई साल से बिना एनओसी के चल रहे हैं। प्रशासन की तरफ से स्विमिंग पूल संचालकों को नोटिस जारी किए जा रहे है। साथ ही उन्हें जल्द से जल्द मानक पूरे करने के निर्देश दिए जा रहे है।
पिछले कुछ सालों में नोएडा और ग्रेटर नोएडा में स्विमिंग करते समय हादसे हो चुके है। कई लोग अपनी जान गवां चुके है। जिसे देखते हुए प्रशासन सख्त रुख अपनाए हुए है। जिला खेल अधिकारी अनीता नागर ने बताया कि जिले में संचालित स्विमिंग पूल मानक पर खरे नहीं उतरे है। जिसकी वजह से अभी तक इन्हें एनओसी जारी नहीं की गई है। अभी तक 207 आवेदन आए है। इनमें से महज 10 को एनओसी दी गई है। जांच के दौरान सबसे ज्यादा कमी सोसाइटी में बने हुए स्विमिंग पूल में सामने आई है।
ये सामने आई खामियां अधिकतर स्विमिंग पूल में वॉटर टेस्टिंग किट नहीं है। पानी का पीएच लेवल गाइडलाइंन के मुताबिक नहीं है। इनमें स्विमिंग करने से त्वचा की बीमारी हो सकती है। लाइफ गार्ड नहीं है। लाइफ गार्ड सुरक्षा के लिए होते है, जरूरत पड़ने पर सुरक्षा करते है। हर जगह अनट्रेंड लाइफ गार्ड मिले हैं। स्विमिंग पूल के अंदर और बाहर सुरक्षा के नियम का पालन नहीं किया जा रहा है। पानी के फिल्टर करने का सिस्टम बेहतर नहीं है।