नाॅर्थ ईस्टर्न रेलवे की ओर से यात्रियों की सहूलियत और मांग को देखते हुए प्रस्ताव भेजा गया था, जिसे रेलवे बोर्ड ने हरी झंडी दे दी। मंजूरी मिलने के बाद अब एनईआर इन ट्रेनों को चलाने की तैयारी में जुट गया है। रेल प्रशासन ने ट्रेनों का शेड्यूल तैयारकर लिया है और बताया जा रहा है कि दो से तीन दिनों में इन ट्रेनों के चलने की तारीख भी तय कर ली जाएगी। संभावना है कि इन ट्रनों को एक मार्च से चलाया जा सकता है।
रेलवे बोर्ड की ओर से एनईआर के तीन मंडलों में कुल 32 ट्रेनों के संचालन को मंजूरी दी है। इसमें गोरखपुर सेचल ने वाली आठ ट्रेनें भी शामिल हैं। लखनऊ मंडल से सात, वाराणसी मंडल से 13 और इज्जत नगर मंडल से 12 पैसेंजर ट्रेनों को चलाने की मंजूरी दी गई है। इन ट्रेनों से हजारों यात्रियों को सुविधाएं होंगी। बोर्ड की ओर से जारी लिस्ट में गोरखपुर-गोंडा-सीतापुर पैसेंजर, गोरखपुर-नौतनवां डेमू, गोरखपुर-गोंडा डेमू एवं गोरखपुर-भटनी डेमू ट्रेन भी शामिल हैं। मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पूर्वोत्तर रेलवे पंकज कुमार सिंह ने बताया कि पैसेंजर और डेमू ट्रेनों को चलाने के प्रस्ताव को रेलवे बोर्ड ने मंजूरी दे दी है। ये ट्रेनें कब से संचालित की जाएंगी इसको लेकर मंथन चल रहा है, जल्द ही तारीखें भी फाइनल कर ली जाएंगी।
डेली पैसेंजर को होगा फायदा, एजेंट की आमदनी
32 डेमू, मेमू पैसेंजर ट्रेनों को चलाने का सबसे बड़ा फायदा मजदूर, नौकरी पेशा, छात्रों और छोटे कारोबारियों समेत डेली पैसेंजर्स को होगा। अभी ट्रेनें बंद रहने से उन्हें ट्रेन के किराए से दो से तीन गुना ज्यादा देकर वैकल्पिक माध्यमों से सफर करना पड़ता है। इसके अलावा पैसेंजर ट्रेनों के न चलने से छोटे और स्टेशनों और हाल्ट के टिकट बिक्री एजेंट की भी आमदनी होगी। इन ट्रेनों के बंद रहने से टिकट बिक्री शून्य थी। अब इनके एक बार फिर चलने से टिकटों की बिक्री होगी। पूर्वोत्तर रेलवे में जनरल टिकटों की बिक्री करने वाले 250 एजेंट हैं।
गोरखपुर से चलेंगी आठ ट्रेनें
जिन 32 ट्रेनों को चलाने की तैयारी चल रही है उनमें आठ ट्रेनें गोरखपुर से चलेंगी। इनमें गोरखपुर-गोंडा-सीतापुर पैसेंजर, गोरखपुर-बढ़नी-गोंडा डेमू, गोरखपुर-नौतनवां डेमू, गोरखपुर-बाराबंकी डेमू, गोरखपुर-सीवान वाया कप्तानगंज डेमू, सीवान-गोरखपुर पैसेंजर, गोरखपुर-सीवान-छपरा पैसेंजर व गोरखपुर-नरकटियागंज पैसेंजर शामिल हैं। इन ट्रेनों से करीब 8000 यात्री सफर कर सकेंगे। पैसेंजर ट्रेनों में आठ से 10 रैक होते हैं जबकि डेमू में छह से आठ कोच वाले रैक लगते हैं। पुराने माॅडल के कोच में 90 और नए कोच में 100 सीटें होती हैं। कोविड गाइडलाइन के मुताबिक ट्रेन में उतने ही यात्री सफर कर सकते हैं जितनी सीटें हैं।