बूंदाबांदी के बीच रविवार रात से ही ठंडी हवाएं चल रही हैं। मौसम विशेषज्ञ कैलाश पांडेय ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के कारण बारिश की आशंका है। इसके बाद 21 मार्च को भी दूसरे पश्चिमी विक्षोभ से बारिश की आशंका है।
कृषि विज्ञान केंद्र सोहना के कृषि वैज्ञानिक डा.मार्कंडेय सिंह ने बताया कि किसानों को चाहिए कि वे दलहनी व तिलहनी फसलों को बारिश से पूर्व काटकर खलिहान में रख दें, भले ही वह थोड़ी हरी हो।
खेत में खड़ी मटर व सरसों की फसलों पर बारिश का पानी पड़ने व बाद में धूप होने पर फलियां फट जाती हैं, जिससे दाना खेतों में छिटक जाता है। गेहूं की बालियों के दाने अभी भर रहे हैं। ऐसे में बारिश होने फर गेहूं के दाने हल्के हो जाएगे और उपज कम होगी। अधिक बारिश हुई तो फसल गिर जाएगी, ज्यादा नुकसान होगा।