scriptGorakhpur Scam: गोरखपुर में सोलर लाइटों के नाम पर 68 लाख के गबन की आशंका…जांच अभी अधूरी | Gorakhpur Scam: Solar lights in Gorakhpur suspected to be embezzled for Rs. 68 lakhs… suspected to be embezzled in crores | Patrika News
गोरखपुर

Gorakhpur Scam: गोरखपुर में सोलर लाइटों के नाम पर 68 लाख के गबन की आशंका…जांच अभी अधूरी

Gorakhpur News : सौर ऊर्जा पर केंद्र और प्रदेश सरकार कई योजनाएं लाई है। गोरखपुर में इन योजनाओं पर जिम्मेदार ही हाथ साफ कर रहे हैं। एक शिकायत पर इसका भंडाफोड़ तब हुआ जब DM कृष्णा करुणेश ने जिले के सभी ब्लॉक में लगी सोलर लाईट का भौतिक सत्यापन का आदेश दिया।

गोरखपुरOct 02, 2024 / 10:06 am

anoop shukla

जिले के ग्राम पंचायत और क्षेत्र पंचायत स्तर पर सोलर लाइट लगवाने में धांधली पकड़ी गई है। डीएम के निर्देश पर हुई जांच में अभी तीन ब्लॉकों की रिपोर्ट मिली है। जांच में पाया गया है कि ब्रह्मपुर ब्लॉक में 326 सोलर लाइटें लगी ही नहीं हैं, जबकि ग्राम पंचायत स्तर से सोलर लगवाने की जानकारी दी गई थी।यूपीनेडा से प्रत्येक सोलर लाइट की कीमत 20,900 रुपये है। इस हिसाब से करीब 68 लाख रुपये के गबन की आशंका है। सभी ब्लॉकों की रिपोर्ट आने पर करोड़ों के गबन का मामला सामने आ सकता है।

तीन ब्लॉकों में हुई जांच, फाइलों में जल रही हैं 326 सोलर लाइटें

सोलर लाइट लगवाने में धांधली की शिकायत आरटीआई कार्यकर्ता संजय मिश्र ने प्रमुख सचिव पंचायती राज से वर्ष 2022 में की थी। शिकायत में कहा गया था कि वर्ष 2018-19 में जांच में गड़बड़ी पाई गई थी, लेकिन यह जांच कुछ जगहों की थी। वर्ष 2016 से 2018 के बीच अगर सभी ब्लॉक में हो तो बड़े भ्रष्टाचार की खुलासा हो सकता है।
इस शिकायत पर शासन से जांच को निर्देश दिया गया।इसके बाद डीएम ने जून 2023 में जिले के सभी ब्लॉकों में जांच कराने के लिए चार टीमें गठित कर दीं। तीन ब्लाॅक ब्रह्मपुर, खोराबार, पिपराइच की रिपोर्ट डीपीआरओ को 28 अगस्त 2024 को मिली है। ब्रह्मपुर ब्लॉक के 33 ग्राम पंचायतों में कुल 505 सोलर लाइटें लगवाई गईं, जबकि जांच में मौके पर 179 ही मिलीं। 326 सोलर लाइट का पता नहीं चला।
जो सोलर लाइटें मिली हैं, उसमें न तो स्थापना वर्ष का जिक्र है और न ही कार्यदायी संस्था लिखा है। जांच रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि ग्राम पंचायतों की ओर से जांच में सहयोग नहीं किया गया। इसलिए यह बता पाना मुश्किल है कि सोलर लाइटें ग्राम पंचायतों की ओर से लगवाई गईं हैं या किसी अन्य मद से लगी हैं। वहीं दो अन्य दो ब्लॉकों की रिपोर्ट में पाया गया कि वहां ग्राम पंचायत स्तर से ही सोलर लाइट नहीं लगी थी।

सोलर लाइटों के मामले में पहले भी हो चुकी है वसूली

DPRO निलेश ने बताया कि तीन ब्लॉकों की रिपोर्ट मिली है, अन्य की रिपोर्ट के लिए रिमाइंडर भेजा जाएगा। जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।पहले भी हुई थी धांधली, की गई रिकवरी।सोलर लाइट लगवाने में पहले भी धांधली पकड़ी जा चुकी है। वर्ष 2019 में कौड़ीराम ब्लॉक में मामला पकड़ा गया था। मानकों की अनदेखी कर महंगे दाम पर सोलर लाइट लगाने के मामले में 32 सचिव और 87 प्रधानों से 11 लाख रुपये की वसूली का आदेश तत्कालीन सीडीओ अनुज सिंह ने दिया था।

DM गोरखपुर

डीएम गोरखपुर कृष्णा करुणेश ने बताया की सभी ब्लॉकों से रिपोर्ट मांगी गई है। तीन ब्लॉकों की जांच रिपोर्ट के आधार पर अगर गबन की पुष्टि होती है तो रिकवरी कराई जाएगी। संबंधित लोगों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी होगी।

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