SSP से शिकायत पर 3 महीने बाद बयान दर्ज
पीड़ित ने एसएसपी से शिकायत की तब घटना के तीन महीने बाद बृहस्पतिवार को उसका मजिस्ट्रेट के सामने बयान हुआ, जबकि ऐसे मामलों में 60 दिन में चार्जशीट दाखिल करने का नियम है। एसएसपी ने पूरे मामले की जांच एसपी सिटी को सौंपी है।
नाबालिग छात्रा से छेड़खानी , पिता ने दर्ज कराई शिकायत
जानकारी के अनुसार, तिवारीपुर इलाके की 17 साल की एक नाबालिग छात्रा को स्कूल से लौटते समय एक शोहदा कार्तिक यादव पुत्र सतीश यादव अक्सर छेड़ता था। एक बार उसने उसे जबरन बाइक पर बैठाने का भी प्रयास किया था। करीब तीन महीने पहले आरोपी छात्रा की काॅलोनी तक भी पहुंच गया और उसके भाई की हत्या की धमकी देकर जबरन बात करने लगा। छात्रा के पिता को जब पता चला तब उन्होंने पुलिस में शिकायत की। इस पर आरोपी छात्रा की फोटो को एडिट कर अश्लील बनाकर उसके रिश्तेदारों और परिचितों को भेजने लगा।पीड़िता का आरोप है कि पुलिस ने इस मामले में आरोपी कार्तिक यादव व उसके एक साथी अंबर यादव के खिलाफ केस तो दर्ज कर लिया
आरोपी का रिश्तेदार है दरोगा, पीड़ित पक्ष को घुमाती रही पुलिस
इस मामले में गिरफ्तार करने की बजाय बदनामी का डर दिखाकर समझौते का दबाव बनाती रही। इसी चक्कर में पुलिस ने तीन महीने तक पीड़िता का मजिस्ट्रेट के सामने बयान भी दर्ज नहीं कराया। बताया जा रहा है कि मूलत: बलिया के रहने वाले आरोपी के एक रिश्तेदार दरोगा है। इसकी वजह से पुलिस उसकी मदद कर रही है। पीड़ित पक्ष का आरोप है कि तिवारीपुर पुलिस आरोपी के पैरवीकारों से लगातार संपर्क में है।
पीड़िता ने लगाई एसएसपी से गुहार
तिवारीपुर पुलिस ने तीन महीने तक मामले में कोई कार्रवाई नहीं की तो पीड़िता ने दो दिन पहले एसएसपी से मामले की शिकायत की। पता चला कि आरोपी की गिरफ्तारी तो दूर मामले में अभी तक मजिस्ट्रेट के सामने बयान भी नहीं दर्ज कराया गया है। चार्जशीट की प्रक्रिया में एक कदम भी नहीं बढ़ाया गया है। इसके बाद एसएसपी के निर्देश पर बृहस्पतिवार को छात्रा का मजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज कराया गया।
पीड़िता की सहेली के साथ भी की थी ऐसी ही हरकत
बताया जा रहा है कि आरोपी इसके पहले छात्रा की एक सहेली के साथ भी इस तरह की हरकत कर चुका था। सहेली के पिता ने अपनी बेटी को स्कूल जाने से मना कर दिया था फिर उसने अन्य छात्राओं को शिकार बनाने का प्रयास शुरू किया।
SP सिटी, गोरखपुर
SP सिटी अभिनव त्यागी ने बताया कि इस प्रकरण में बयान कराने में लापरवाही बरती गई। इसकी जांच की जा रही है। पीड़िता का बयान करा लिया गया है। विधिक कार्रवाई की जा रही है।