उन्होंने कहा आज भी आप गांव में देखते होंगे कि अपने घर में कोई खाना खिलाए या न खिलाए, लेकिन कोई कसाई गाय की हत्या कर दे तो मुझे लगता है कि कोई सनातनी इसको बर्दाश्त नहीं करता है।बंदर भले ही आपकी फसल-बाग का कितना ही नुकसान कर ले, लेकिन कोई बंदर की हत्या कर दे, तो आप उसे बर्दाश्त नहीं करते। क्योंकि उसके पूर्वजों ने हमारी परंपरा के लिए सर्वस्व बलिदान करने में योगदान दिया था।
रामायण काल के पहले वरदायनी जटायु हैं
जटायु की पीढ़ी है गिद्ध CM योगी ने कहा हनुमान जी ने माता सीता को ढूंढने में अपना जीवन लगाया था। उसके प्रति कृतज्ञता हम जाहिर करते हैं। रामायण काल के पहले वरदानी जटायू हैं। आज वर्तमान में गिद्ध जटायु की पीढ़ी है। जब दवा और प्रेस्टिसाइज का इस्तेमाल हुआ, तो इसका प्रभाव सबसे ज्यादा गिद्धों पर पड़ा। आज उनके बचाव और संरक्षण के लिए इस जटायू केंद्र की शुरुआत की गई है। इसके अलावा CM योगी आज सोनबरसा थाने का भूमि पूजन और शिलान्यास करेंगे। यह जिले का तीसवां और कुल मिलाकर बत्तीसवां थाना होगा, जो गोरखपुर के उत्तरी हिस्से में सुरक्षा का नया केंद्र बनेगा।
सीताजी की दुखभरी वाणी को जटायु राज ने ही पहचाना
CM ने रामायण काल का सुनाया प्रसंग रामायण काल के प्रसंग हमारे सामने आते हैं। तुलसीदास जी कहते हैं- गीधराज सुनि आरत बानी। रघुकुलतिलक नारि पहिचानी॥ अधम निसाचर लीन्हें जाई। जिमि मलेछ बस कपिला गाई। उन्होंने कहा है कि जटायु ने सीताजी की दुखभरी वाणी सुनकर पहचान लिया कि ये रघुकुल तिलक श्री रामचन्द्रजी की पत्नी हैं।उन्होंने देखा कि राक्षस उनका अपहरण करके वैसे ही ले जा रहा है, जैसे कोई मलिछ कपिला गाय को ले जाता है। यह राक्षस कोई और नहीं रावण था। जटायु रावण से भिड़ गए थे।