दरअसल महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सरकारी स्तर पर लगातार प्रयास हो रहे हैं। लेकिन इसके बाद भी परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रहीं हैं। ऐसे में इन छात्राओं द्वारा बनाया गया यह इलेक्ट्रॉनिक बंदूक बहुत सहयोगी साबित होने वाला है।
अंशिका पाठक ने बताया कि इंटरनेशनल महिला दिवस को देखते हुए हमने महिला सुरक्षा और आपात सेवा के लिए नारी शक्ति गन तैयार की है। अगर कोई किसी महिला के साथ परेशान करने या नुकसान पहुंचाने का प्रयास करता है तो पीड़ित महिला इस बंदूक में लगे ट्रिगर को दबाकर सामने वाले को 10 हजार वोल्ट का बिजली दे सकती है। साथ ही इस डिवाइस से जुड़े फोन के माध्यम से आपात नंबर के जरिए उनकी मदद हो जाएगी। इसके अलावा इस डिवाइस को बंदूक के अलावा किसी और रूप में भी बनाया जा सकता है। इस डिवाइस में कई अपातकालीन नंबर सेवाओं को जोड़ा जा सकता है।
अंशिका पाठक ने आगे बताया कि निर्भय नारी शक्ति डिवाइस पिस्टल को मोबाइल के वाई-फाई या ब्लूटूथ से कनेक्ट कर इस्तेमाल किया जा सकेगा। मुसीबत में महिलाएं अपनी आत्मरक्षा कर सकेंगी। पुलिस और परिवार के सदस्यों को बिना मोबाइल टच किये कॉल व लोकेशन भी भेज सकती हैं।
इस निर्भय नारी शक्ति पिस्टल को कॉलेज के इनोवेशन सेल में मात्र 15 दिनों मे तैयार किया गया है। इनका कहना है कि यह इलेक्ट्रानिक बंदूक किसी भी मोबाइल फोन के चार्जर से चार्ज किया जा सकेगा। एक घंटे के चार्ज पर 5 महीने तक काम कर सकता है।
स्मिता जायसवाल ने बताया कि बंदूक की बॉडी को थ्रीड़ी प्रिंटर से तैयार किया गया है। पिस्तौल को हार्ड फाइवर से तैयार किया गया है। तकरीबन 125 ग्राम वजनी और चार इंच लम्बाई वाली यह बंदूक बहुत छोटी है। महिलाएं इसे पर्श या पॉकेट मे आसानी से रख सकती हैं। इस पिस्टल को तैयार करने में 3500 रूपए का खर्च आया है। इसके निर्माण में थ्रीड़ी प्रिंटर, ब्लूटूथ मॉड्यूल, 3.7 वोल्ट बैटरी, स्विच, डीसी टू एसी ट्रांसफार्मर इत्यादि उपकरणों का प्रयोग किया गया है।