जानिए पूरा मामला
शहर के कोतवाली क्षेत्र के दीवानबाजार निवासी श्रीप्रकाश गुप्ता ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि उन्होंने अपने बेटे राहुल गुप्ता का बीटेक कंप्यूटर साइंस में एडमिशन कराने के लिए सीनियर क्लर्क रवि मोहन से बात किया था। क्लर्क ने एम्प्लॉयी कोटा के तहत एडमिशन हो जाने की बात कही और 2.70 लाख रुपये अपने पर्सनल अकाउंट में ट्रांसफर कराने को कहा।
पैसा पाने के बाद सीनियर क्लर्क ने छात्र को यूनिवर्सिटी जाने को बोला
छात्र के पिता श्रीप्रकाश ने 3 सितंबर 2021 को 1.70 लाख और 19 दिसंबर 2021 को एक लाख रुपये क्लर्क के अकाउंट में ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद क्लर्क ने उन्हें एक फर्जी प्रोविजनल अलॉटमेंट और रजिस्ट्रेशन लेटर दिया। जब श्रीप्रकाश ने डॉक्यूमेंट पर साइन की मांग की, तो क्लर्क ने कहा कि साइन बाद में करवा दिए जाएंगे और राहुल को कॉलेज भेजने को कहा।
एक साल तक छात्र करता रहा क्लास, यूनिवर्सिटी ने फर्जी करार दिया
राहुल गुप्ता ने एक साल तक क्लास करता रहा लेकिन 23 फरवरी 2023 को यूनिवर्सिटी ने उसका एडमिशन फेक करार देते हुए कैंसिल कर दिया। जांच में यह भी सामने आया कि यूनिवर्सिटी की ऑफिशियल फीस अकाउंट में फीस जमा ही नहीं की गई थी।श्रीप्रकाश गुप्ता ने बताया कि इस के बाद उनका बेटा राहुल तनाव में चला गया है।
SSP के आदेश पर मुकदमा दर्ज
SSP डॉक्टर गौरव ग्रोवर के आदेश पर कैंट पुलिस ने आरोपी क्लर्क रवि मोहन श्रीवास्तव के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया है।एसपी सिटी अभिनव त्यागी ने बताया कि केस की जांच शुरू कर दी गई है। सबूतों के आधार पर आगे की कारवाई होगी।