काजल निषाद मूल रूप से मुंबई की रहने वाली हैं। उनके माता पिता कच्छ गुजरात के रहने वाले थे। काजल का जन्म 1 जून 1982 को गुजरात में हुआ था। वह मुंबई में बस गए। काजल की शादी गोरखपुर के भाऊपार गांव के रहने वाले भोजपुरी फिल्म निर्माता संजय निषाद के साथ हुई है।
24 फरवरी को मूंछों पर ताव दे रहा था अतीक, 50 दिन बाद ही रो-रोकर सूज गईं आंखें, खुलने लगे राज
काजल को सब टीवी कॉमेडी शो ‘लापतागंज’ (2009-2010) और भोजपुरी फिल्म ‘शादी बियाह’ में अपने किरदार चमेली के लिए जाना जाता है। उन्होंने कलर्स टीवी के इश्क का रंग सफ़ेद में कनक त्रिपाठी की भूमिका भी निभाई।जानकारों का मानना है कि सवर्ण प्रत्याशी होने के बाद भी इस वर्ग के मतदाता बंट जाते। जिन सवर्ण मतदाताओं का नाम उछल रहा था, वे भी मैदान में उतरने को लेकर बहुत उत्साहित नहीं दिख रहे थे। ऊपर से एक लाख से अधिक मतदाताओं वाली जाति विशेष भी सपा के पाले में नहीं आ पा रही थी।
‘लापतागंज’ से फेमस हुई यह एक्ट्रेस दो बार हारी चुनाव, फिर सपा ने क्यों दिया टिकट, जानें मिस्ट्री
पार्टी के दिग्गजों को लगा झटकाखुद पार्टी के कई नेताओं को काजल के उम्मीदवार बनने से झटका लगा है। सीट सामान्य होने की वजह से सभी को उम्मीद थी की उम्मीदवार भी सामने वर्ग का ही होगा। मगर, जातिगत गणित में फिट बैठने पर पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने काजल पर दांव लगाया।
काजल ने चर्चित गायिका का गीत गाते हुए भाजपा पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि रवि किशन, निरहुआ और मनोज तिवारी भले ही भाजपा के प्रत्याशी के चुनाव प्रचार में आ जाएं, लेकिन वे भी डरने वाली नहीं हैं, वह सीधी टक्कर देंगी। वे जनता के मुद्दे पर जनता के साथ खड़ी हैं। वे जुनून और जोश के साथ कोशिश करेंगी।
दो बार चुनाव हार चुकी हैं काजल निषाद
2012 में अभिनय के साथ राजनीति में एंट्री करने वाली काजल निषाद दो बार चुनाव हार चुकी हैं। पहली बार उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर गोरखपुर से विधानसभा चुनाव लड़ा था। इसमें वह हार गई थीं। इसके बाद उन्होंने निषाद पार्टी का दामन थाम लिया था। 2017 में उन्हें चुनाव लड़ने का मौका नहीं मिला। इसके बाद साल 2021 में काजल सपा में शामिल हो गईं।