WFI प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह कहा,“वह किसी भी महिला से बंद कमरे में नहीं मिले हैं। जहां तक सवाल गले लगाने का है तो वह पहलवान ही मेडल जीतने की खुशी में मुझसे लिपट गई थीं, मैं नहीं। अगर यह अपराध है तो उत्साह जताने की परंपरा ही खत्म हो जाएगी।”
उन्होंने कहा, “मैंने कभी किसी महिला पहलवान से ऐसा व्यवहार नहीं किया जो गलत हो। मेडल पाने का मतलब यह नहीं है कि कोई झूठ नहीं बोल सकता। एक ओलंपियन तो जेल में है। इससे समझा जा सकता है कि मेडल जीतने के बाद भी कोई कुछ भी कर सकता है।”
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WFI प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह कहा, “पहलवानों की मांग पर ही जांच कमेटी बनी और जांच हुई। मगर उन लोगों ने जांच रिपोर्ट का इंतजार नहीं किया और सुप्रीम कोर्ट चले गए। अब FIR हो गई है और दिल्ली पुलिस जांच कर रही है। यदि दिल्ली पुलिस पर भी विश्वास नहीं है तो पहलवान अपने अधिवक्ता कपिल सिब्बल से मिल लें और सीबीआई जांच करा लें।”
उन्होंने कहा, “सिर्फ बयानबाजी कर सभी जांचों पर सवाल कब तक उठाते रहेंगे। जहां से संतुष्ट हों, वहां से जांच कराएं। जांच में ही अगर किसी आरोप की पुष्टि हो जाए तो सजा भुगतने को तैयार हूं। मुझे जांच पर पूरा भरोसा है और जांच में जो भी होगा उसे स्वीकार करूंगा।”