गाजीपुर

पत्रिका इन्डेप्थ स्टोरी: 60 साल की उम्र में नौकरी के इंतजार में यूपी के जन स्वास्थ्य रक्षक, योगी सरकार में जगी उम्मीद

जिसके बाद इन कर्मचारियों को नौकरी पाने की उम्मीद जगी है

गाजीपुरMar 06, 2019 / 04:13 pm

sarveshwari Mishra

jan swasthya rakshak waiting for job

गाजीपुर. 17 साल से यूपी के जन स्वास्थ्य रक्षक नौकरी के इंतजार में हैं । 2002 में सरकार ने इस पद को समाप्त कर दिया था, जिसके बाद यह कर्मचारी बेरोजगार हो गये थे । इन कर्मचारियों में कई ऐसे हैं, जिनकी उम्र 60 साल को पार कर गई है, यह लोग 60 साल के बाद भी नौकरी के इंतजार में हैं । योगी सरकार ने 1977 में काम किए जन स्वास्थ्य रक्षकों की लिस्ट मांगी है, जिसके बाद इन कर्मचारियों को नौकरी पाने की उम्मीद जगी है ।
 

भाजपा सरकार ने एक बार फिर से इन पदों पर कार्य करने वाले कर्मचारियों को बहाल करने के लिए शासन के द्वारा इनकी संख्या आदि के बारे में डिटेल स्वास्थ्य विभाग से मांगी है। जिसको लेकर 60 के उम्र के लोग अपनी नियुक्ति के लिए बैठक की है । जिसको लेकर पूर्व में काम कर चुके लोग लखनऊ कूच करने की योजना बना रहे हैं। इस दौरान इन कर्मियों ने बताया कि उनके नाम पर कुछ फर्जी लोग विभाग में अपनी जुगाड़ लगाकर अपनी बहाली करने में लगे हुए हैं।
 

स्वास्थ्य के बारे में ऐसे करते थे जागरूक
एक बुजुर्ग जन स्वास्थ्य रक्षक ने बताया कि जब कर्मचारी पोलियो ड्रॉप पिलाने के लिए गांव में जाते थे। उस समय गांव गांव में कई ऐसी अशिक्षित महिलाएं थीं जो अपने बच्चों को ड्रॉप पिलाने से डरती थी। वैसी स्थिति में ये जन स्वास्थ्य रक्षक अपने बच्चों को पोलियो ड्रॉप पिलाकर उन्हें बताते थे कि इससे कुछ नहीं होता। बल्कि यह बच्चों के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है। इससे उनका आने वाला भविष्य उज्जवल हो सकता है और वे स्वस्थ्य रह सकते हैं।
 

2002 में अचानक से बंद हो गई यह योजना
जन स्वास्थ्य रक्षकों का कहना है कि 2002 में जन स्वास्थ्य कार्य को तत्कालिन सरकार ने अचानक से बंद कर दिया गया। जिससे उनकी नौकरी चली गई और उन्हें बहुत परेशानी का सामना करना पड़ा। तबसे लेकर आज तक वह अपनी नौकरी बहाली की मांग कर रहे थे।
 

1977 में कुल 1700 जन स्वास्थ्य रक्षक थे कार्यरत

1977 में गाजीपुर जिले में कुल 1700 जन स्वास्थ्य रक्षक थे। जिसमें से 603 अब नहीं हैं। वर्तमान में पुराने जन स्वास्थ्य रक्षकों की संख्या 1067 है। इन्होंने बताया कि उस वक्त इन्हें 50 रूपये का मासिक मानदेय दिया जाता था और दवा भी 50 रूपये की बांटने के लिए दवा होती थी।
 

जन स्वास्थ्य रक्षकों का काम
जन स्वास्थ्य रक्षकों का काम स्वास्थ्य से जुड़ी हर तरह की बीमारी को जानना समझना। बच्चों का टीकाकरण, पोलियो ड्रॉप पिलाना, स्वास्थ्य सम्बंधी कार्यों को करना आदि करते थे।
 

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