अफजाल अंसारी के जीत की संभावनाएं जताई जा रही हैं, लेकिन इस चुनाव में हर तरफ ये भी चर्चा चल रही कि यह जीत अंसारी परिवार के दबदबे की भी अग्नि परीक्षा होगी क्योंकि गाजीपुर लोकसभा सीट पर भाजपा ने संघ के पुराने सेवक पारसनाथ राय को चुनावी मैदान में उतारा है हालांकि पारसनाथ राय कोई बड़े राजनीतिक चेहरे नहीं थे लेकिन पारसनाथ राय के चुनाव को जिताने के लिए प्रधानमंत्री मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, सीएम योगी यहां तक कि जम्मू कश्मीर के गवर्नर जनरल मनोज सिन्हा भी गाजीपुर में डटे रहे।
वहीं सपा प्रत्याशी अफजाल अंसारी के चुनाव प्रचार प्रसार में अखिलेश यादव, मुख्तार अंसारी का छोटा बेटा उमर अंसारी और अफजाल अंसारी की बेटियां लगी रही। गाजीपुर अंसारी परिवार का चुनावी गढ़ रहा है ।अफजाल अंसारी वर्तमान समय में भी बसपा से सांसद हैं। इसके पहले भी वह विधायक रह चुके हैं। अफजाल अंसारी का भतीजा भी वर्तमान समय में गाजीपुर के यूसुफपुर विधानसभा से विधायक हैं और अफजल के भाई भी विधायक रह चुके हैं ।
वहीं माफिया मुख्तार अंसारी बगल के जनपद मऊ से लगातार पांच बार विधायक रह चुका है और वर्तमान समय में मुख्तार का बेटा अब्बास अंसारी भी मऊ की सदर विधान सभा से विधायक है। ऐसा पहली बार हो रहा है जब मुख्तार अंसारी के अनुपस्थिति में अंसारी परिवार चुनाव लड़ रहा है।
अब देखना यह होगा कि अफजाल अंसारी की जीत कितनी बड़ी जीत होती है या चुनाव हार होती है। इसी से अंसारी परिवार के दबदबे का निर्णय होगा क्योंकि अंसारी परिवार खुद की सीट जीतने के साथ-साथ पूर्वांचल की कई सीटों को प्रभावित करने का क्षमता रखता आया है, लेकिन इस बार के चुनाव में अंसारी परिवार की अग्नि परीक्षा है।