परिजनों ने उसके अंतिम संस्कार की सारी रस्में भी निभाई, जैसे ही परिजन चिता को आग लगाने जा रहे थे, तभी उनकी नजर शव के चेहरे पर पड़ी। इसके बाद हंगामा होना शुरू हो गया। मगंलवार दोपहर रविंद्र यादव के परिजनों को शव सौंपा गया।
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उसी वक्त परिवार के लोग मृतक का चेहरा देखना चाहते थे, लेकिन पोस्टमार्टम हाउस पर तैनात कर्मचारियों ने चेहरा देखने से मना कर दिया। कर्मचारियों ने कहा कि शव देखने लायक नहीं है, जिसके बाद परिजनों ने शव को लेकर श्मशान घाट पहुंचे।इसी दौरान मृतक का एक भाई जो विदेश में नौकरी करता है। वो इस दुखद घटना के बाद भी नहीं पहुंच पाया था, तो उसने वीडियो कॉलिंग कर भाई के अंतिम दर्शन करने को कहा। जिसके बाद परिवार के लोगो ने मृतक का चेहरा दिखाया तो उसने कहा कि ये तो मेरा भाई नहीं है।
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परिवार के सामने हुआ पोस्टमार्टमइसके बाद जब परिवार के साथ गांव के लोगों ने भी देखा तो उन्हें भी पता चला कि यह तो किसी और का शव है। फिर सभी लोग स्थानीय थाने में तत्काल पहुंच गए। इसके बाद परिजनों को पोस्टमार्टम हाउस ले जाया गया। मृतक रविंद्र के शव की खोजबीन शुरू हुई। तब जाकर पता चला कि उसका तो पोस्टमार्टम हुआ ही नहीं है। फिर पुलिस परिजनों की देखरेख में शव का पोस्टमार्टम कराया।