Shadi Ka Laddu खाने के लिए रहिए तैयार, अगले 6 महीने में बन रहे 52 शुभ मुहूर्त
दरअसल, आजमगढ़ की मूल निवासी युवती परिवार के साथ लंबे समय से गाजियाबाद के राजेंद्र नगर में रहती है। बताया जा रहा है कि जब युवती पीएचडी कर रही थी तो इसी दौरान उसकी मुलाकात बनारस के रहने वाले युवक से हो गई। धीरे-धीरे मुलाकातों को सिलसिला दोस्ती और फिर प्यार में बदल गया। जब इसकी जानकारी युवती के परिजनों को हुई तो उन्होंने इसका विरोध किया। इसके बाद युवती की जिद पर परिजनों ने हार मानते हुए 27 फरवरी 2016 को उसकी शादी करा दी।फिलहाल युवती गाजियाबाद के एक प्रतिष्ठित स्कूल में अध्यापिका है और गाजियाबाद में ही रहना चाहती है। जबकि पति उसे बनारस ले जाने की जिद कर रहा है। युवती का कहना है कि बनारस छोटा शहर है और वहां उसका कोई भविष्य नहीं है। इसलिए वह किसी भी हाल में पति के साथ ससुराल बनारस नहीं जाएगी।