इस घटना में गौकशी के आरोप में जहां एक शख्स कासिम की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। वहीं, दूसरे बुजुर्ग समीउद्दीन की भी जमकर पिटाई गई की गई थी। इस घटना में घायल बुजुर्ग समयदीन का अभी तक हापुड़ के देवनंदनी अस्पताल में इलाज चल रहा है। लंबे समय तक इलाज के बाद अस्पताल में समीउद्दीन के होश में आने पर पत्रिका संवाददाता शक्ति ठाकुर ने जब उनसे बात की तो उन्होंने इस घटना की पूरी सच्चाई इस तरह बयान की। 18 जून को उस दिन मैं अपने खेत पर पशुओं के लिए चारा लेने गया था। तभी मैंने देख कि कुछ लोग क़ासिम नाम के शख्स की बुरी तरह पिटाई कर रहे हैं। जब पिटाई कर रहे लोगों को पिटाई करने से रोका और पूछा कि आखिर वह किस बात पर उनकी पिटाई कर रहे हैं। इसके बाद उग्र भीड़ ने कासिम के साथ ही मुझे भी निशाने पर ले लिया। इसके बाद कुछ लोग कासिम की पिटाई कर रहे थे और कुछ लोगों मेरे साथ अलग से मारपीट करना शुरू कर दिया। इस दौरान हमारी इतनी पिटाई की गई कि हम बेहोश हो गए। न तो हमें कुछ दिखाई दे रहा था और नहीं सुनाई दे रहा था, जो कुछ बातें नजदीक में हो रही थी। बस वही याद है। समीउद्दीन ने बताया कि उनकी इतनी पिटाई की गई कि उनके दोनों हाथों और एक पैर के साथ ही पस्लियों में फैक्चर हो गया। उन्होंने बताया कि बेहोशी की हालत में लोग उन्हें गांव के अंदर ले गए। जहां मौके पर पहुंची डायल 100 की टीम जब पहुंची तो गांव के लोगों ने उन्हें भगा दिया था। उसके बाद पिलखुवा कोतवली पुलिस मौके पर पहुंची तब जाकर उन्हें बेहोशी की अवस्था में अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया। उन्होंने बताया कि पुलिस ने बयान ले लिया है, लेकिन मजिस्ट्रेट का बयान होना अभी बाकी है। घटना के चश्मदीद और पीड़ित समीउद्दीन ने ये बातें पत्रिका संवाददाता के साथ सबसे पहले एक्सक्लूसिव बातचीत में कही।
यह है घटना
पिलखुवा कोतवाली क्षेत्र में 18 जून को बझेड़ा खुर्द में कुछ लोगों ने गौकशी का आरोप लगाते हुए कासिम और समीउद्दीन की जमकर पिटाई कर दी थी। इस दौरान कासिम की मौत हो गई, वहीं समीउद्दीन को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इस घटना की वीडियो भी वायरल हुआ था, जिस में कुछ लोग बेरहमी से कासिम को मारते हुए दिख रहे हैं और पानी मांगने पर कोई उन्हें यह कहते हुए पानी नहीं देता है कि यह कसाई है। इसके बाद एक और वीडियो वायरल हुई थी, जिसमें भीड़ पुलिस के सामने घायल अधमरे कासिम को घसीटते हुए ले जा रही थी। इसके बाद जब सोशल मीडिया पर पुलिस की किरकिर हुई तो यूपी पुलिस ने इसके लिए माफी मांगते हुए तीनों पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर मामले में जांच के आदेश जारी कर दिए थे।
पुलिस ने गढ़ी थी ये कहानी
कासिम की मौत और समीउद्दीन की पिटाई के मामले में पुलिस ने एफआईआर में मोटरसाइकिल से टक्कर के बाद दोनों तरफ से हुई हाथापाई और हिसंक झड़प में हुई मौत का मामला दर्ज किया था। तब पीड़ित समीउद्दीन के छोटे भाई ने आरोप लगाया ता कि पुलिस ने हमारी मर्जी के खिलाफ एफआईआर में धाराएं लगाई है। यानी पुलिस कतिथ गौकशी के आरोप में हुई हत्या को हादसा ठहराने पर तुली हुई है।
पुलिस के बयान पर परिवार ने जताई थी आपत्ति
पुलिस के इस रुख के बाद सोशल मीडिया पर जारी हुए एक वीडियो ने पुलिस की पूरी कारगुजारियों का पर्दाफाश कर दिया था । इस वीडियो में साफ दिख रहा था कि युवकों की भीड़ एक बुजुर्ग शख्स के साथ खेत में मारपिटाई कर रहे हैं। बुजुर्ग का कुर्ता खून से सना हुआ है और उसके सिर से भी खून बह रहा है। यहां मौजूद कुछ कायर पहले उनसे नाम पूछता है। इसके जवाब में वह बोलते हैं, समीउद्दीन। इसके बाद कुछ लड़के गाली देते हुए उन्हें मारने के लिए खींचने लगते हैं। फिर दूसरा पूछ रहा था कि बता तेरे साथ और कौन-कौन थे। इसके जवाब में वह कासिम का नाम लिया था। इसके बाद चार बार गाली देते हुए उनसे पूछा गया है कि और कौन था, उसका नाम भी बता। फिर उनमें से एक पूछता है कि बता यहां क्या कर रहा था। इसके जवाब में वह बोलते हैं कि एक गाय को घेर रहे थे। फिर उनसे पूछा गया था कि किस लिए गाय घेर रहा था, काटने के लिए। इसके जवाब में वह इससे इनकार करते हैं तो वह वहां मौजूद युवक उन पर थप्पड़ जड़ देता है और चारों तरफ से गालियों की बौछार शुरू हो जाती है। इसी दौरान एक युवक उनकी दाढ़ी पकड़कर खींच रहा था। फिर उनसे जबरदस्ती कहलवाया गया कि गाय को हत्या के लिए घेर रहे थे।