रेल मंत्रालय की घोषणा के बाद गाजियाबाद जंक्शन के पुनर्विकास का काम भी आइआरएसडीसी (भारतीय रेलवे स्टेशन विकास निगम) को दिया गया था। टीम ने स्टेशन का निरीक्षण कर प्लान तैयार किया था, लेकिन फिर विभागीय कारणों से रेल मंत्रालय ने आइआरएसडीसी से गाजियाबाद जंक्शन के पुनर्विकास का काम वापस ले लिया था।
बीते दिनों उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक आशुतोष गंगल ने गाजियाबाद के निरीक्षण के दौरान इसकी जानकारी देते हुए बताया था कि गाजियाबाद जंक्शन का पुनर्विकास रेलवे खुद करेगा। अब मुख्यालय की एक समिति गठित कर दी गई है। एडीआरएम इन्फ्रा आरके यादव के नेतृत्व में टीम ने बृहस्पतिवार को गाजियाबाद जंक्शन का दौरा किया। अधिकारियों ने बताया कि आइआरएसडीसी के प्लान की फिजीबिलिटी चेक कर रहे हैं। सूत्रों की मानें तो आइआरएसडीसी के प्लान में कुछ फीसद ही बदलाव हो सकता है। समिति समीक्षा कर अपना प्लान मुख्यालय को सौंपेगी।
विरासत के साथ विकास की तस्वीर दिखेगी एडीआरएम अपने साथ बड़ौदा हाउस से इंजीनियरों की टीम लेकर आए थे। करीब ढाई घंटे तक रुकी टीम ने स्थानीय अधिकारियों के साथ मिलकर पुराने प्लान की समीक्षा की। अधिकारियों का कहना है कि इस प्लान के तहत विकसित होने के बाद यात्रा के लिए पहले ही स्टेशन पर आने वाले यात्री ऊपर वेटिग रूम में रुकेंगे।
ट्रेन की घोषणा होने के बाद लोग नीचे प्लेटफार्म पर आएंगे। इससे ट्रेन में यात्रा के लिए ट्रेन में सवार होने के दौरान और यात्रा पूरी कर ट्रेन से उतरने के दौरान यात्रियों को परेशानी नहीं होगी। अभी बाद में आने वाली ट्रेनों के यात्री भी प्लेटफार्म पर ही रहते हैं। इससे हर ट्रेन के आते ही प्लेटफार्म पर भीड़ हो जाती है।