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Ghaziabad: मिशन वंदे भारत के तहत विशेष विमान के जरिये विदेश से लौटे 35 भारतीय नागरिक श्रमिकों का कहना है कि सरकार ने लॉकडाउन के दौरान किसी कंपनी से अपने मजदूरों को हटाने और वेतन रोकने के लिए मना किया था। इसके बावजूद कम्पनी प्रबंधक अपनी मनमानी कर रहा है। इसको लेकर मजदूरों में काफी रोष नजर आ रहा है। बता दें कि यहां सैकड़ों की संख्या में ऐसे मजदूर हैं जो ठेकेदारों के जरिये इस कम्पनी में लगे हुए हैं। अब तक अप्रैल माह की सैलरी उन्हें नही मिली है। जबकि ठेकेदार उन्हें कम्पनी पर दबाव बनाने के लिए बोल रहा है और कम्पनी ठेकेदार से बात करने के लिए उन्हें कह रही है।
बता दें कि इस कंपनी में यूपी के दूर-दराज के जिलों के काफी मजदूर मजदूरी कर रहे थे, लेकिन अब उन्हें काम पर नहीं रखा जा रहा है। मार्च तक की सैलरी उन्हें दी गई, लेकिन मार्च का ओवरटाइम नहीं दिया गया। अप्रैल महीने में कम्पनी लॉकडाउन की वजह से बन्द थी। कम्पनी ने उन्हें खुलने पर काम देने की बात कही थी, लेकिन अब सिर्फ स्थायी कामगारों को काम पर बुलाया गया है। सैकड़ों मजदूर यहां इकट्ठा हो गए और अप्रैल की सैलरी की मांग करने लगे। हंगामे की सूचना पर पुलिस भी यहां पहुंची और मजदूरों को यहां से हटा दिया। मजदूरों का कहना है कि वह दूर शहरों से काम करने आए हैं और किराए के मकान में रहते हैं। बगैर पैसों के उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।