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बता दें कि गाजियाबाद की महापौर आशा शर्मा ने शनिवार को नगर निगम कार्यकारिणी समिति के 6 रिक्त पदों पर चुनाव के लिए बैठक बुलाई थी। इस चुनाव के लिए भाजपा के 4, कांग्रेस के 2 और बसपा के एक पार्षद ने नामांकन पत्र दाखिल किया था। सात नामांकन पत्र आने के बाद राजनीतिक दलों ने एक नामांकन वापसी के लिए आम सहमति बनाने का प्रयास किया, लेकिन बात नहीं बन सकी। बता दें कि संख्या बल के आधार पर कांग्रेस का एक पार्षद ही कार्यकारिणी समिति में शामिल हो सकता था, लेकिन कांग्रेस ने दो पार्षद चुनाव मैदान में उतार दिए। इससे अन्य राजनीतिक दलों में क्राॅस वोटिंग को लेकर हड़कंप मच गया। इसी बीच कांग्रेस प्रत्याशी विनोद कुमार का नामांकन वापस कराने की भी कोशिश की गर्इ, लेकिन वे पर्चा वापस करने को तैयार नहीं हुए।सपा-बसपा गठबंधन की सूची जारी होते ही बगावत, इस बड़े नेता पर अपनों ने ही लगाए पैसे लेकर टिकट बांटने के आरोप
इसके बाद मतदान की प्रक्रिया अपनार्इ गर्इ। दो घंटे तक चले मतदान में 109 मतदाताओं में से 103 ने अपने मतों का इस्तेमाल किया। इस दौरान सपा एमएलसी समेत 6 लोग अपने मत डालने निगम नहीं पहुंचे। मतदान के बाद हुर्इ मतगणना के बाद चुनाव अधिकारी व अपर नगर आयुक्त प्रमोद कुमार ने परिणाम घोषित किए तो सपा-बसपा गठबंधन की अंर्तकलह खुलकर सामने आ गर्इ। यहां संख्या पूरा होने के बावजूद बसपा पार्षद को हार का सामना करना पड़ा। वहीं कांग्रेस संख्या बल में कम होने के बाद भी अपने दो पार्षदों को और भाजपा 4 पार्षदों को चुनाव जिताने में कामयाब रही।मोदी के इस मंत्री ने किया बड़ा खुलासा, पाकिस्तान को दे दिया अब तक का सबसे बड़ा झटका
ये पार्षद जीतेभाजपा के अनिल स्वामी 19 मत, राजीव शर्मा 18 मत, मनोज गोयल 17 आैर विनोद शर्मा 16 मत के साथ जीतकर कार्यकारिणी समिति में पहुंचे। वहीं कांग्रेस के मनोज चौधरी आैर विनोद कुमार 10-10 मतों के साथ विजयी हुए।