मामला यूपी के जनपद हापुड़ का है। यहां 90 वर्षीय खुरमचन्द बांगा सिटी कोतवाली क्षेत्र के कलेक्टर गंज के रहने वाले हैं, जोकि अपनी पत्नी के साथ रहते हैं। खुरमचन्द ने शुरू से ही ट्रांसपोर्ट का काम किया और एक एक रुपया जोड़कर करोड़पति तक पहुंचे और अपने दो बेटो को पढ़ा लिखकर इस काबिल बनाया की वो अपना काम कर सके। जैसे जैसे खुरमचन्द की उम्र ढलने लगी, उसी तरह खुरमचन्द के एक बेटे संजय की नियत में खोट आने लगा। एक दिन खुरमचन्द अपनी पत्नी के साथ किसी रिश्तेदार के घर गए हुए थे। तभी उसके बेटे संजय ने धोके से अपने पिता के चेक बुक पर साइन करा लिए और धीरे-धीरे कर खाते से तीन करोड़ की रकम पर हाथ साफ़ कर दिया। यानी तीन करोड़ की रकम को अपने कब्जे में ले लिया। जब इसका पता बूढ़े माता पिता को चला तो उनका बेटे जैसे शब्द से ही भरोसा उठ गया। माता पिता ने अपने कलयुगी बेटे से कई बार मिलने की कोशिश की। बेटे ने एक बार भी अपने माता पिता से मिलने की जरूरत नहीं समझी और जब माता पिता ने अपने बेटे को फोन किया तो बेटे ने फोन तक उठाने बंद कर दिए। बेटे की इस हरकत के बाद कभी करोड़पति होने वाले माता पिता आज रोटी-रोटी के लिए मोहताज हो गए हैं। आज भी बूढ़ी मां अपने बेटे का इंतजार कर रही है, लेकिन जिस मां ने उस बेटे को 9 माह तक अपनी कोख में रखा और भूखी प्यासी रहकर उसको पाला। आज जब बूढ़े माता-पिता को बेटे की जरूरत पड़ी तो वह उनको धोका देकर भाग गया। अपने माता पिता को दर-दर की ठोकरे खाने के लिए मजबूर कर दिया। बेटे की हरकत की वजह से माता पिता ख़ुशी से मिलने वाली एक-एक रोटी के लिए मोहताज है।