यह भी पढ़ें-
Mahashivratri: औघड़नाथ और पुरा महादेव मंदिर में गूंजे बोल बम के जयकारे, सुबह से लगी श्रद्धालुओं की कतारें आपको बताते चलें कि गाजियाबाद में भगवान भोलेनाथ का यह प्राचीन मंदिर है। बताया जाता है कि इस मंदिर की स्थापना रावण के पिता विश्वेश्वर द्वारा की गई थी और दशानन रावण ने भी अपना पहला सिर यहीं पर भगवान शिव को अर्पित किया था। माना जाता है कि तभी से भगवान भोलेनाथ के इस मंदिर की बेहद मान्यता है, जो भी भक्त अपनी कोई भी मनोकामना लेकर मंदिर में भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करता है। भगवान उसकी सभी मनोकामना पूरी करते हैं। खास तौर पर शिवरात्रि के पर्व पर यहां बड़ी संख्या में शिवभक्त मन्दिर पहुंचते हैं। उसी श्रद्धा भाव से आज भी मंदिर में बड़ी संख्या में शिवभक्त पहुंच रहे हैं।
मंदिर के महंत नारायण गिरी महाराज ने बताया कि इस बार शिवरात्रि पर सर्वार्थ सिद्धि योग बना हुआ है और इस दौरान भगवान भोलेनाथ की पूजा-अर्चना करना और जलाभिषेक करना बेहद शुभ है। उन्होंने बताया कि बड़ी संख्या में शिव भक्त मदिर पहुंच रहे हैं। सुरक्षा की दृष्टि से भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। इसके अलावा कोविड-19 से बचाव किए जाने के उद्देश्य से भी तमाम तरह के उपाय यहां किए गए हैं। देर रात से ही भगवान भोलेनाथ पर जलाभिषेक शुरू हो गया है।