योगीराज में सरेआम अब इस बड़े अफसर पर बरसाईं गोलियां, हालत नाजुक आपको बताते चलें कि गाजियाबाद के जिला अस्पताल पर अक्सर वहां पहुंचने वाले मरीज और उनके तीमारदार कई तरह के आरोप लगाते आए हैं। ऐसा ही कुछ रविवार को सुबह उस वक्त हुआ जब कोट गांव में रहने वाले एक परिवार ने प्रसव के लिए एक महिला को अस्पताल में भर्ती कराया, लेकिन प्रसव पीड़ा को डॉक्टरों ने गंभीरता से नहीं लिया गया और डॉक्टर एवं स्टाफ की लापरवाही के कारण महिला और होने वाले बच्चे की मौत हो गई। महिला और बच्चे की मौत की खबर सुनते ही परिजनों का गुस्सा फूट पड़ा। इसके बाद उन्होंने अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा किया। हंगामे की सूचना के बाद मौके पर पहुंची स्थानीय पुलिस और हंगामा कर रहे लोगों को जैसे-तैसे शांत किया।
विवेक तिवारी का मेरठ से था गहरा नाता, हत्या के बाद यहां के लोगों इतना गुस्सा इसलिए भी है… इस दौरान हंगामा कर रहे लोगों ने मृतक महिला और बच्चे को उसके मूल निवास बिहार स्थित घर पहुंचाने की मांग की। पुलिस के आला अधिकारियों ने उनकी इस मांग को पूरा कराने और जांच का भरोसा दिया है। पीड़ित परिवार का आरोप है कि इस पूरे मामले में अस्पताल के डॉक्टरों की लापरवाही सामने आई है। उनका कहना है कि डॉक्टर अपना काम भी स्टाफ द्वारा ही कराते हैं। यानी महिला डॉक्टर के अलावा यहां प्रसव नर्स भी कराती हैं।