कैराना वो जगह है जहां से भाजपा ने पलायन का मुद्दा उठाया था। ये मुद्दा भाजपा के चुनावी घोषणा पत्र में भी आया था। लेकिन विधानसभा चुनाव में यहां से भाजपा की उम्मीदवार और दिवंगत लोकसभा सांसद हुकुम सिंह की पुत्री मृगांका सिंह चुनाव हार गर्इ थीं। अब 28 मई को यहां चुनाव होना है और पूरी संभावना मृगांका सिंह के ही चुनाव मैदान में आने की है।
भाजपा के दिग्गजों की टीम पहले ही गाजियाबाद में पश्चिमी क्षेत्रीय कार्यालय पर कैराना चुनाव को लेकर मंथन कर चुकी है। यहां गाजियाबाद के ही क्षेत्रीय महामंत्री अशोक मोंगा को सह प्रभारी पद की जिम्मेदारी दी गई है। सूत्र बता रहे हैं कि भाजपा कैराना उपचुनाव को लेकर सटीक रणनीति पर काम कर रही है। भाजपा की स्थिति को मजबूत करने के लिए कैराना से लगते जिले मुजफ्फरनगर, बागपत, शामली, सहारनपुर के जनप्रतिनिधि चुनाव प्रचार में उतरेंगे।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक मंडल के हिसाब से विधायकों की ड्यूटी लगाई गई है। बड़ी बात यह है कि मंडल पर विधायकों की ड्यूटी जाति के हिसाब से लगाई गई है। जिस मंडल में जिस जाति के मतदाता ज्यादा होंगे वहां पर उसी जाति के विधायक को लगाया जाएगा। खास बात यह है कि विधायकों में भी उन चेहरों को प्रचार के लिए चुना गया है जिनका अपनी जाति के लोगों पर व्यापक असर है।
गाजियाबाद से मुरादनगर विधायक अजीतपाल त्यागी को भी कैराना लोकसभा उप चुनाव में प्रचार का दायित्व सौंपा गया है। अजीतपाल त्यागी की ड्यूटी चुनाव प्रचार में लगेगी। अजीतपाल त्यागी का अपना राजनैतिक प्रोफाइल है। राजनीति उन्हें विरासत में मिली है। उनके पिता राजपाल त्यागी प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। त्यागी समाज के मतदाताओं पर पूरी यूपी में इस परिवार का प्रभाव माना जाता है। अब अजीतपाल त्यागी विधायक हैं और जाहिर है कि जब वह कैराना में त्यागी समाज के मतदाताओं के बीच पहुंचेंगे तो बिरादरी उनकी बात का मान-सम्मान रखेगी।