एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि पुलिस का कोई गलत इस्तेमाल नहीं हो रहा है। जहां भी इस तरह की कार्रवाई हो रही है उस पर सख्त कदम उठाया जा रहा है । अगर पुलिसकर्मी गलत काम करते हैं तो उन्हें न केवल गिरफ्तार किया जाता है, बल्कि उन्हें सस्पेंड भी किया जाता है । उन्हें बर्खास्त भी किया जाता है। डीजीपी ने कहा कि उनका सीधा संवाद पुलिस से जुड़ने का एक कारण यह भी है कि उन्हें बताया जाए कि पुलिसकर्मी समाज की सेवा के लिए हैं, न कि किसी का रक्षक और किसी का भक्षक बनने के लिए।
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हालांकि, एप्पल के मैनेजर की मौत के माले में यह भी कहा कि सिपाहियों का दावा है कि आधी रात के वक्त जब वह जा रहे थे तो उनकी गाड़ी में एक महिला अधिकारी थी । दोनों कि एक ही कंपनी में काम कर रहे थे । रास्ते में एक जगह जब गाड़ी खड़ी थी तो यूपी पुलिस के 2 सिपाही चेतक पर खड़े थे । उन्होंने गाड़ी को इंटरसेप्ट किया और कहा कि गाड़ी से बाहर आए। लेकिन उन्होंने गाड़ी से निकलने से मना कर दिया और गाड़ी को चेतक पर चढ़ाने की कोशिश की। सेल्फ डिफेंस में सिपाहियों ने गोली चलाई, जिसमें गोली विवेक तिवारी को लगी और बाद में गाड़ी जाकर एक्सीडेंट हो गई, जिसमें विवेक तिवारी की मौत हो गई। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस का यह काम अपराध की श्रेणी में आता है। इसी वजह से पुलिस द्वारा फ़ौरन हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया और दोनों सिपाहियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है । इसके साथ ही बर्खास्त भी किया दजा चुका है।
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इस मौके पर उन्होंने पुलिसिंग व्यवस्था में कई सुधार किए जाने के निर्देश दिए और पुलिस के आला अधिकारियों से रू-बरू हु। इस दौरान डीजीपी ओपी सिंह मीडिया से भी मुखातिब हुए। डीजीपी ने मीडिया कर्मियों से लखनऊ में हुई घटना के बारे में भी जानकारी साझा की।