आरोप है कि बांग्लादेशियों और रोहिंग्या के द्वारा डूडा के अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से मोटी रिश्वत लेकर फर्जी दस्तावेजों के सहारे योजना का लाभ उन्हें दिया गया है। इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि लोनी में जितने भी संविदा पर रखे गए हैं। अधिकतर कर्मचारी बांग्लादेशी ही रखे गए हैं और उन्हें योजना का लाभ दिया जा रहा है।विधायक ने अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कहा है कि जरूरतमंद बहुसंख्यक आबादी के सभी दस्तावेज में गलती निकाल कर उनका आवेदन बड़े पैमाने पर खारिज कर दिए जाते हैं और लोनी में लगातार बगैर उनकी संस्तुति के स्थानीय गैंग की सहायता से बांग्लादेशियों और रोहगियाओं के द्वारा नंद नगरी एवं अक्षरधाम से फर्जी आधार कार्ड और अन्य सरकारी दस्तावेज बनाए जा रहे हैं। इसके लिए इनके पास वोटर आईडी कार्ड पैन कार्ड मूल निवास प्रमाण पत्र वह जमीन के दस्तावेज भी हैं। इनमें से कुछ लोग लोनी के मूलनवासी भी बन चुके हैं। जो वाकई चिंता का विषय है।
विधायक का कहना है कि उन्होंने इससे पहले भी गाजियाबाद में भारी संख्या में रह रहे अवैध बांग्लादेशी घुसपैठिए और रोहिंग्याओं के बारे में प्रशासन को अवगत कराया था।लेकिन प्रशासन द्वारा आश्वासन के बावजूद कोई भी सर्च ऑपरेशन नहीं चलाया गया।जबकि लोनी की विधानसभा देश की राजधानी दिल्ली से सटी हुई है।उन्होंने बताया कि करहेड़ा धर्म परिवर्तन समेत हाल में ही यूपी एटीएस द्वारा धर्म परिवर्तन कराने वाले गैंग की गिरफ्तारी के तार भी लोनी में रहने वाले रोहिंग्या आतंकी और बांग्लादेशियों से जुड़े हुए हैं।जो आईएसआई के संपर्क में हैं। यह देश की राजधानी दिल्ली और उत्तर प्रदेश स्थित कई महत्वपूर्ण सरकारी संस्थानों एवं प्रतिष्ठित व्यक्तियों के लिए भारी खतरा बन रहा है।
उनका कहना है कि इसके लिए शासन के द्वारा एक उच्च स्तरीय समिति बनाकर लोनी में प्रधानमंत्री आवास योजना में हुए भ्रष्टाचार एवं फर्जी दस्तावेजों के सहारे बांग्लादेशियों और रोगियों को लाभ पहुंचाने के बाद राष्ट्रपति कृपया पर डूडा अधिकारियों एवं लोनी डूडा कर्मचारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए और फर्जी आधार कार्ड, पहचान पत्र, पैन कार्ड की दोबारा से समीक्षा कर उन्हें रद्द कर दोषी पाए जाने पर मदद करने वाले लोगों के खिलाफ रासुका के तहत कार्रवाई की जाए। इसके अलावा एक बड़ा सर्च अभियान चलाकर रोहंगिया और बांग्लादेशियों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए।