मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद सुनील राठी ने शुरू की भूख हड़ताल, जानिये क्या है वजह बता दें कि हापुड़ के एक गांव में रहने वाले सोनू नामक युवक का अपने गांव में ही रहने वाली लड़की के साथ प्रेम प्रसंग चल रहा था। इसका पता चलते ही लड़की के परिजनों ने कई बार विरोध किया। इतना ही नहीं सोनू के साथ कई बार मारपीट भी की गई और इसे लेकर गांव में पंचायत भी हुई, लेकिन सोनू और लड़की का प्रेम प्रसंग बदस्तूर जारी रहा। इसके बाद लड़की के परिजनों ने लड़की को गांव से दूर उसकी बड़ी बहन के यहां भेज दिया, लेकिन सोनू उससे मिलने लगातार वहां भी जाता रहा।
इसकी सूचना लड़की के भाइयों को मिली तो उन्हें यह बात नागवार गुजरी और लड़की के साथ मारपीट करने के बाद लड़की से ही फोन करवाकर सोनू को 23 जून 2010 को बुलवाया गया, जिसके बाद सुनील, रवि, महेश और नरेश नाम के चार भाइयों ने मिलकर सोनू की हत्या कर दी। इसके बाद उसके शव को पास में ही एक पेड़ पर लटका दिया था, ताकि हत्या को आत्महत्या का रूप दिया जा सके। इस पूरे मामले की जानकारी सोनू के पिता को भी लग गई। उन्होंने चारों भाइयों के खिलाफ बेटे की हत्या की रिपोर्ट दर्ज करा दी। पुलिस ने मामला दर्ज करते हुए गहन जांच शुरू की और चारों भाइयों को जेल भेज दिया था। तभी से गाजियाबाद कोर्ट में सुनवाई चल रही थी। मंगलवार को एडीजे प्रथम कि न्यायालय ने इस मामले में बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट आरोपी रवि, सुनील, महेश और नरेश के ऊपर 15-15 हजार रुपये का जुर्माना लगाते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई है।
ग्राउंड रिपोर्ट: एक फुट और ऊपर पहुंचा यमुना का जलस्तर तो बर्बाद हो जाएंगे ये किसान इस पूरे मामले में सरकारी वकील दीपक माकिन ने बताया कि चारों भाइयों के खिलाफ ऑनर किलिंग का मामला चल रहा था, जिसमें अदालत ने 10 गवाहों और सबूतों के आधार पर चारों भाइयों को यह सजा सुनाई है। दीपक ने बताया कि सुनील लड़की का चचेरा भाई है, जबकि रवि, महेश और नरेश लड़की के सगे भाई हैं।