Kisan Andolan: किसानों के घर वापसी सिलसिला हुआ शुरू, भावुक हो रहे हैं किसान
Kisan Andolan: किसान नेता राकेश टिकैत ने किसानों के पहले जत्थे को स्वयं बिजनौर के लिए रवाना किया। किसानों की आंखों में आंसू भी है और बिछड़ने का गम भी है।
Kisan Andolan: कृषि कानून की वापसी की मांग पूरी होने के बाद गाजियाबाद जिले के यूपी गेट स्थित गाजीपुर बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों की वापसी का सिलसिला शुरू हो चुका है। जिसके तहत शनिवार को पहला जत्था बिजनौर के लिए रवाना हो गया। बिजनौर के किसानों की रवानगी के बाद अब तराई क्षेत्र के किसान घर वापसी करेंगे। किसान नेता राकेश टिकैत ने बताया कि 4-5 दिन में बॉर्डर पूरी तरह से खाली हो जाएगा। 15 दिसंबर को वह आखिरी जत्थे के साथ मुजफ्फरनगर के लिए रवाना होंग। शनिवार से दिल्ली आवागमन के लिए एक सड़क खाली कर दी जाएगी, जबकि 15 दिसम्बर तक बॉर्डर पूरी तरह से खाली हो जाएगा।
किसानों ने शुरू की घर वापसी गाजियाबाद जिले में स्थित यूपी गेट के पास गाजीपुर बॉर्डर पर तीन कृषि कानून की वापसी की मांग को लेकर बड़ी संख्या में किसान करीब 13 महीने 5 दिन से लगातार बीच सड़क पर बैठकर ही आंदोलन कर रहे थे। इस दौरान जिन लोगों का दिल्ली आना-जाना रहता है, उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। लेकिन अब कृषि कानून वापस होने के बाद किसानों ने घर वापसी शुरू कर दी है।
किसानों को बिछड़ने का है दर्द घर वापसी कर रहे किसानों का कहना है कि उनके अंदर एक तरफ बेहद खुशी है। वहीं दूसरी तरफ बहुत से ऐसे साथी हैं जो एक साल से साथ में रह रहे हैं। खाना-पीना, रहना-सहना और अपने दुख-सुख की बात करते थे, लेकिन अब सब अपने-अपने घर वापस जा रहे हैं ऐसे में उन्हें छोड़ने का भी कहीं ना कहीं दर्द है।
राकेश टिकैत ने रवाना किया पहला जत्था किसान नेता राकेश टिकैत ने किसानों के पहले जत्थे को स्वयं बिजनौर के लिए रवाना किया। किसानों की आंखों में आंसू भी है और बिछड़ने का गम भी है। करीब एक वर्ष तक किसानों के ट्रैक्टर यहां पर मौजूद रहे। इस दौरान दूर-दूर के किसान आपस में मिलकर रहते थे। घर वापसी कर रहे किसान भावुक भी हो रहे हैं। भावुकता के पल कैमरों में कैद हो रहे हैं। उनका कहना है कि एक परिवार सा रिश्ता बन गया था। तो इनसे बिछड़ने का गम भी कुछ किसान आपस में मना रहे हैं।