चीन में नहीं अब भारत ही बन रहा है किलर चाईनीज मांझा
बैन होने के बाद भी धडल्ले से हो रही है बिक्री, एक महीने में 20 से अधिक लोग हो चुके हैं शिकार
गाजियाबाद। सावन के मौसम में पतंग और चाईनीज मांझे का कनेक्शन लोगों की जिंदगी छीन रहा है। एक महीने में 20 से अधिक मामले गाजिय़ाबाद में सामने आ चुके हैं। इसके बावजूद अफसरों की नींद नहीं टूट रही है। ये हाल तब है जब पिछले छह महीने से मांझे को गाजिय़ाबाद में बैन किया हुआ है। कल दिल्ली और गाजियाबाद में भी चाईनीज मांझे की वजह से तीन मासूमों की मौत हो गई।
विजय नगर थानाक्षेत्र के बार्इपास पर कृष्णा नगर मकान नंबर 520 में राजा परिवार के साथ रहते हैं। उन्होंने बताया कि वह बाइक से जा रहे थे और उनका पांच वर्षीय पुत्र आर्यन आगे बैठा हुआ था। इसी दौरान मांझे से उनके पुत्र की गर्दन कट गई। लहूलुहान स्थिति में उसे अस्पताल पहुंचाया गया। उन्होंने बताया कि आर्यन की गर्दन में करीब दो दर्जन टांके आए हैं।
प्राॅपर्टी डीलर भी हो चुके हैं शिकार
इसी तरीके से ठाकुरद्वारा फ्लाईओवर के पास 20 -25 दिन पहले प्राॅपर्टी डीलर योगेश शर्मा, निवासी आजाद मंडी, मौजपुर, दिल्ली भी चार्इनीज मांझे का शिकार हुआ थे। हादसे के वक्त वह बाइक पर सिकंदराबाद से दिल्ली जा रहे थे। घंटाघर के पास ठाकुरद्वारा फ्लाईओवर पर पहुंचे तो अचानक पतंग का मांझा आकर उनकी गर्दन पर लिपट गया। वह हेलमेट पहने हुए थे। उन्होंने मांझे को गर्दन से निकालने की कोशिश की, लेकिन हेलमेट पहने होने की वजह से वह असफल रहा।
छह माह से बैन है चाइनीज मांझा
जिले में चाइनीज मांझे पर छह माह से बैन लगा हुआ है। इसके बावजूद इसकी धडल्ले से बिक्री हो रही है। जिलाधिकारी निधि केसरवानी ने बताया कि छह माह पहले उन्होंने इसकी बिक्री पर बैन लगाया था। जांच कराई जाएगी कि कौन चाइनीज मांझा बेच रहा है। अगर कहीं बिकता मिला तो दुकानदार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि चाइनीज मांझे से गाजियाबाद से पहले दिल्ली, मुरादाबाद, जयपुर आदि जगह हादसे हो चुके हैं।
चाइनीज मांझे में होता है प्लास्टिक
पतंग कारोबारी बताते हैं कि चाइनीज मांझे में प्लास्टिक होता है। इस वजह से यह आसानी से टूटता नहीं है। इसमें धार भी होती है। वैसे बाजार में मिलने वाले सभी मांझे घातक होते हैं, लेकिन इनमें चाइनीज मांझा सबसे खतरनाक साबित होता है।
छह साल पहले आया था भारत में
करीब छह साल पहले यह मांझा भारत में आया था। लोग इसलिए भी इसे ज्यादा पसंद करते हैं, क्योंकि यह बारिश के दौरान भी खराब नहीं होता है। मांझे से पक्षी ज्यादा शिकार होते हैं।
भारत में ही बन रहा मौत का सामान
मालीवड़ा चौक पर पियूष काइट वाले ने बताया कि ये चार्इनीज मांझा चीन में नहीं बल्कि भारत में ही बनाया जा रहा है। बैन लगने के बाद इसे भारत में ही लोगों ने बनाना शुरू कर दिया है। बाकी इसकी बिक्री भी अधिक है। यह आसानी से टूटता नहीं है आैर इसमें कांच ज्यादा होती है इसलिए लोग इसे ज्यादा पसंद करते हैं।
इनसे मिलकर बनता है चाईनीज मांझा
चाईनीज मांझे को विशेष तौर पर तैयार किया जाता है। चाईनीज मांझे को बनाने में कुल पांच प्रकार की केमिकल और अन्य धातुओं का प्रयोग किया जाता है। इनमें सीसा, वजरम नामक औद्योगिक गौंद, मैदा फलौर, एल्युमीनियम आॅक्साइड और जिरकोनिया आॅक्साइड का प्रयोग होता है। इन सभी चीजों के मिक्स होने पर तेज धार वाला चाईनीज मांझा तैयार होता है।
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