गाजियाबाद। कांवड़ यात्रा में महिलाओं की सुरक्षा पर पुलिस की विशेष नजर रहेगी। इस दौरान हर थाने से 25-25 पुलिस वालों को शिवभक्तों के वेष में निगरानी के लिए तैनात किया जाएगा। सभी पुलिस वाले शिविर के साथ आसपास के संदिग्ध स्थानों पर नजर रखेंगे।
सीओ इंदिरापुरम सुदेश गुप्ता ने बताया कि
अमरनाथ यात्रियों पर आतंकी हमले के बाद कांवड़ यात्रियों की सुरक्षा के लिए अलर्ट किया गया है। पुलिस की तरफ से टीएचए में कांवड़ यात्रियों की सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। पुलिस के साथ एसपीओ को तैनाती की किया जाएगा। साथ ही कांवड़ यात्रा में महिलाओं की सुरक्षा के लिए महिला पुलिसकर्मियों की टीम तैयार की गई है। महिला टीम कांवड़ मार्ग पर सादे कपड़े में तैनात रहेगी। किसी भी असुविधा या शिकायत पर तुरंत कार्रवाई करेंगी। साथ ही आलाधिकारियों को भी घटना की जानकारी देंगी। सीआे ने बताया इस दौरान कांवड़ियों को लिए जीटी रोड पर हर सौ मीटर के दायरे में सीसीटीवी की निगरानी वाले बोर्ड लगाए जाएंगे।
शिविरों में खाने-पीने के सामान की रोजाना होगी जांच वहीं, प्रशासन ने गुरुवार रात आठ बजे से एनएच-58 और जीटी रोड पर भारी वाहनों के रूट डायवर्जन को लागू कर दिया है। मेरठ-मुजफ्फरनगर जाने वाले भारी वाहनों को जीटी रोड और मोहननगर से एनएच-24 की और मोड़ दिया गया। दूसरी तरफ ट्रेनों में भी यात्रियों की भीड़ बढने के बाद सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। आरपीएफ और जीआरपी के जवानों को कांवड़ियों के वेश में तैनात किया गया है। प्रशासन ने कांवड़ शिविरों में खाने-पीने के सामान की नियमित जांच के भी निर्देश दिए हैं। ट्रैफिक इंस्पेक्टर रमेश तिवारी ने बताया कि दिल्ली बाॅर्डर से आने वाले वाहनों को मोहनगर से एनएच-24 की ओर मोड़ा गया। मेरठ रोड और हापुड़ रोड से आने वाले वाहनों को लालकुआं और डासना की ओर से निकाला गया। रूट डायवर्जन 21 जुलाई तक लागू रहेगा।
कांवड़ियों को सलाह प्रदेश सरकार ने निर्देश दिए हैं कि कांवड़िये परिचय पत्र के रूप में आधार, निवार्चन कार्ड आदि जरूर रखें। कांवड़ियों को खासतौर पर एक कागज पर अपना फोन नंबर और अपने साथियों का नंबर अपने बैग अथवा बस्ते में रखने की सलाह दी गई है। इतना ही नहीं कांवड़ यात्रियों को परिचित या सुरक्षित स्थान पर रुकने, कांवड़ियों के लिए निर्धारित किए गए मार्ग का ही प्रयोग करने, पुलिस प्रशासन का सहयोग करने और उनसे सहायता लेने व अस्वस्थ होने पर तत्काल निकटवर्ती चिकित्सालय या पुलिस बूथ अथवा स्वयंसेवी संस्थाओं के व्यक्तियों से संपर्क करने की सलाह दी गई है। किसी प्रकार की आकस्मिक स्थिति में 100 डायल, 108 (एम्बुलेंस) एवं 1090 (महिला हेल्प लाइन नम्बर) पर सूचना देने, कांवड़ यात्रा के रास्तों पर चलने वाले राहगीरों के साथ सहयोग करने की सलाह दी गई है।
सीसीटीवी कैमरे से रखी जा रही है निगरानी
कांवड़ यात्रा की निगरानी प्रशासन की तीसरी आंख भी करने में जुटी है। श्री दूधेश्वर नाथ मंदिर में सीसीटीवी कैमरों की व्यवस्था कर दी गई है। इसके साथ ही मेरठ से गाजियाबाद आते हुए रास्ते में पडने वाले मेन बाजारों में जिन दुकानदारों व व्यापारी शोरूमों में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। उनसे सीसीटीवी कैमरे रास्ते की तरफ लगाने को कहा गया है।
ट्रेन में भी बढ़ी सुरक्षा हरिद्वार जाने वाली ट्रेनों में कांवड़ियों की भीड़ उमड़ रही है। कांवड़ियों की सुरक्षा को लेकर हर ट्रेन में चार जवानों की ड्यूटी लगाई गई है। रेलवे प्रशासन की ओर से गाजियाबाद स्टेशन पर तीन दस्ते बनाए गए हैं। इनमें आरपीएफ, जीआरपी व आरपीएसएफ के जवानों को तैनात किया गया है। स्टेशन पर सादी वर्दी में महिला आरपीएफ की जवानों को तैनात किया गया है। गाजियाबाद स्टेशन से एक दर्जन ट्रेन हरिद्वार की ओर रवाना होती हैं। कांवड़ लाने वाले अधिकतर लोग ट्रेनों के जरिए हरिद्वार की ओर रवाना होते हैं। जीआरपी क्षेत्राधिकारी रणधीर सिंह ने बताया कि हरिद्वार जाने वाली हर ट्रेन में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। इसके साथ ही स्टेशन पर तीन दस्ते आठ-आठ घंटे ड्यूटी के लिए तैनात किए गए हैं। दस्ते में महिला सिपाहियों को भी रखा गया है। लावारिस सामान की चेकिंग के लिए जवानों के पास मेटल डिटेक्टर भी हैं।
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