यह भी देखेंः
जैन मुनि तरुण सागर जी महाराज की अंतिम यात्रा में उमड़ा जनसैलाब उनके प्रवचन सुनने को बेताब रहते थे जैन मुनि तरुण सागर जी महाराज के प्रवचन सुनने के लिए उनके अनुयायियों की हमेशा भीड़ रही। वह जहां भी जाते जैन समुदाय के साथ-साथ अन्य समुदाय के लोग उनके प्रवचन सुनते थे। उनके प्रवचनों से सीख लेकर लोगों ने अपनी राह तलाशी।
चर्चाआें में रहे उनके बयान जैन मुनि तरुण सागर जी महाराज विभिन्न मुद्दों पर अपने बयानों को लेकर भी हमेशा चर्चा में रहे। उन्होंने कर्इ प्रदेश की विधान सभाआें में प्रवचन दिया। तीन तलाक, भ्रष्टचार समेत कर्इ मुद्दों पर उनके बयान चर्चा में रहे।
यह भी पढ़ेंः
यहां अटल जी को नहीं बाेलने देने की चुनौती दी थी स्वामी अग्निवेश ने, फिर हुआ था यह मध्य प्रदेश में हुआ था जन्म मध्य प्रदेश में 1967 में जन्मे जैन मुनि तरुण सागर जी महाराज का वास्तविक नाम पवन कुमार जैन था। पिता का नाम प्रताप चंद्र आैर उनकी मां का नाम शांतिबाई था। उन्होंने जैन संत बनने के लिए आठ मार्च 1981 को घर छोड़ दिया था। इसके बाद उन्होंने छत्तीसगढ़ में दीक्षा ली।