अभय चौटाला ने कहा कि जिस वक्त उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा किसानों को जाने की बात कही थी और गाजियाबाद पुलिस ने किसान नेता राकेश टिकैत को गिरफ्तार किए जाने की बात कही, उस वक्त राकेश टिकैत की आंखों में डर के आंसू नहीं थे, बल्कि वह गुस्से के आंसू भरे हुए थे। उन्होंने उन आंसुओं के जरिए गुस्सा अंदर ही लिया और उसका परिणाम आज देखने को मिल रहा है कि किसान आंदोलन अब और तेज हो गया है। जिस वक्त कृषि कानून पास हुए तो उस समय कांग्रेस सदन से वाक आउट कर चुकी थी। उन्होंने खुद उस समय इस पर विरोध जताया। लेकिन उनकी बात नहीं सुनी गई। इसलिए उन्होंने इस्तीफा दिया है और अब दोबारा जब चुनाव होगा तो देखने वाला चुनाव होगा। तमाम किसान उनके समर्थन में हैं और अब यहां भी बड़ी संख्या में किसान समर्थन देने पहुंच रहे हैं।
यह भी देखें: सरकार को हिलाने के लिए जुटेंगे किसान- पुलिस के पुख्ता इंतेजाम निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि सिंघु बॉर्डर पर जो बताया गया था कि लोकल किसान या वहां के लोग पहुंचकर किसानों के धरने का विरोध कर रहे हैं, यह पूरी तरह गलत है। वहां जो उन्हें उठाने की मांग कर रहे थे, वह आरएसएस के आदमी थे। वहीं गाजीपुर बॉर्डर पर भी धरने पर किसानों को उठाने के लिए भाजपा के विधायक अपने गुंडों के साथ पहुंचे थे। जिन्होंने साफ तौर पर कहा कि या तो पुलिस उठा दे या फिर हमें अवसर दे, हम इन्हें यहां से उठा कर रहेंगे। जहां एक तरफ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश को गुंडा मुक्त करने की बात कहते हैं तो वहीं उनके एक विधायक इतनी बड़ी संख्या में गुंडे लाकर शांति पूर्वक धरने पर बैठे किसानों को उठाने की बात करते हैं।