13 मई 2018 की है घटना विजय नगर थाना इंस्पेक्टर श्यामवीर सिंह की पोस्टिंग थाना लोनी ट्रॉनिका सिटी थी। आरोप है कि 13 मई 2018 को श्यामवीर सिंह, दरोगा जितेंद्र चौहान, राजेश्वर, सनी, ललित और अन्य पुलिसकर्मी सरिता त्यागी को हत्या के एक मामले में पूछताछ के लिए थाने ले गए थे। सरिता त्यागी की पुलिस हिरासत में ही मौत हो गई थी। इसके बाद सरिता की बेटी मोनिका त्यागी ने 15 नवंबर को न्यायालय में अर्जी दाखिल की थी। मंगलवार को सुनवाई के बाद न्यायालय ने तत्कालीन एसएचओ श्यामवीर सिंह एवं पांच अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश जारी कर दिए हैं। ट्रॉनिका सिटी पुलिस को फिर से पूरे मामले की विवेचना किए जाने के भी आदेश दिए हैं।
इस मामले में पीड़ित परिवार के वकील खालिद खान ने बताया कि मोनिका त्यागी की मां को एक हत्या के मामले में पूछताछ के लिए थाने लाया गया था। आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने उनके साथ मारपीट की। जब उन्होंने पानी मांगा तो उन्हें जहर पिला दिया गया। आरोप है कि इस दौरान श्यामवीर सिंह ने पर पति द्वारा हत्या करना कबूल करने को कहा। जब वह घायल हो गई तो उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। उनका कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सरिता त्यागी की कॉलर बोन और पसली टूटी हुई पाई गई थी। श्यमवीर सिंह ने उनका फर्जी मेडिकल भी बनवा दिया था। जब पीडि़त परिवार ने रिपोर्ट दर्ज कराने की कोशिश की तो उनकी रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई, जिसके बाद उन्हें कोर्ट का सहारा लेना पड़ा। उनका कहना है कि अब तक आरोपी एसएचआे को सस्पेंड नहीं किया गया है। वह विजयनगर थाने का इंचार्ज है।
पुलिस-प्रशासन पर नहीं है भरोसा सरिता की बेटी मोनिका त्यागी ने कहा की पुलिस हिरासत में हुई उसकी मां की जांच सीबीआई से होनी चाहिए। उन्हें अपनी जान का भी खतरा है। उन्होंने कहा कि उनको पुलिस प्रशासन पर बिल्कुल भी भरोसा नहीं है। आरोपी एसएचआे को अब तक सस्पेंड भी नहीं किया गया है। वहीं, एसएसपी उपेंद्र अग्रवाल का कहना है कि इस मामले में जांच चल रही है।