अवंतिका जेपीवी अपार्टमेंट में रहते थे रविंद्र 43 वर्षीय रविंद्र सागर थाना कविनगर इलाके की अवंतिका जेपीवी अपार्टमेंट में अपने परिवार के साथ रहते थे। उनका एक 11 वर्षीय पुत्र गर्भित और एक पुत्री रिया है। रिया कक्षा 10 में पढ़ती है। उसकी सीबीएसई बोर्ड की परीक्षा गुरुवार से ही शुरू हुई है। रविंद्र घर के बाहर ही क्रॉकरी की दुकान चलाते थे। उनके साथ घर में उनकी पत्नी रीना, बेटा, बेटी और मां लक्ष्मी देवी रहते थे। रविंद्र के बड़े भाई अनिल सागर रेलवे में डायरेक्टर हैं। उनकी भी दो बेटियां हैं।
इकलौता बेटा था गर्भित गर्भित दो भाइयों के परिवार में इकलौता पुत्र था। उसका कक्षा 6 का रिजल्ट आया था, जिसमें वह पास हो गया था। इस खुशी में गर्भित और रिया ने अपने पिता से होटल का खाना खाने के लिए आग्रह किया था। इस पर रविंद्र बेटे गर्भित के साथ बाइक पर ढाबे पर खाना लेने गए थे। शास्त्री नगर पेट्रोल पंप के पास एक तेज गति वाहन ने उनकी बाइक में टक्कर मार दी और फरार हो गया। हादसे में रविंद्र की मौके पर ही मौत हो गई जबकि गर्भित की दोनों टांगें कट गईं। वह बेसुध हालत में वहां मौजूद लोगों को अपनी बहन का नंबर बता रहा था।एक कार सवार ने उसे गंभीर हालत में सर्वोदय अस्पताल पहुंचाया, लेकिन वहां पर उसने दम तोड़ दिया।
पिता का सपना पूरा करने की इच्छा रविंद्र की बेटी रिया का गुरुवार को सीबीएसई बोर्ड की दसवीं की परीक्षा थी। जबकि पिता और भाई के शव पोस्टमार्टम हाउस में थे। इसके बावजूद रिया ने पहले अपना पेपर दिया। इसके बाद उसने अपने पिता और भाई को मुखाग्नि दी। इस दौरान वहां मौजूद लोगों की आंखें नम हो गईं। रिया रो-रोकर बार-बार अपने पिता की चिता के सामने कह रही थी कि वह अपने पिता का सपना पूरा करते हुए एक अच्छी डॉक्टर बनेगी। रिया का कहना है कि उसके पिता का सपना था कि वह बड़ी होकर डॉक्टर बने।
परिवार में नहीं है कोई कमाने वाला इस हादसे में पिता और पुत्र दोनों की ही मौत हो गई। उनके परिवार में अब कोई कमाने वाला भी नहीं है। हर किसी के मन में यह सवाल है कि आखिर अब इस परिवार का लालन-पालन किस तरह से होगा। स्थानीय लोगों का कहना है कि जिस वाहन ने पिता और पुत्र को कुचला है, वह भाग गया था। अभी तक उसका पता नहीं लग पाया है। उन्होंने मुख्यमंत्री से परिवार की मदद की भी अपील की।