25 मार्च को जाना था घर गाजियाबाद में भी सड़कों पर रोजाना सैकड़ों मजदूर अपने घरों की ओर पैदल जाते हुए दिख जाएंगे। अपने घर जाने के लिए सोनी भी पैदल ही हरियाणा के गुरुग्राम से फतेहपुर के लिए निकल पड़ी। वह छह माह की गर्भवती है। फरवरी में वह अपने भाई शनि के साथ गुरुग्राम में अपने चाचा के यहां आ गई थी। 25 मार्च को उसको वापस जाना था। उसका वापसी का टिकट भी बुक हो गया था लेकिन लॉकडाउन में सारी योजना धरी रह गई। इसके बाद सोनी की दिक्कतें बढ़ गई।
भाई और चाचा के साथ निकली गर्भवती गुरुग्राम से घर जाने के लिए उसने काफी प्रयास किए लेकिन सफल नहीं हो पाई। आखिर में थक—हारकर में उन्होंने पैदल ही घर जाने का फैसला किया। मंगलवार रात को सोनी अपने भाई शनि और चाचा के साथ पैदल ही फतेहपुर के लिए निकल ली। तीनों बुधवार दोपहर तक करीब 70 किमी का सफर तय करके गाजियाबाद पहुंच गए। लालकुआं पहुंचने पर तीनों की हालत खराब हो गई। उनको रोकने पहुंचा पुलिसकर्मी उनकी हालत देखकर चौंक गया। उसने फौरन उनके आराम करने की व्यवस्था कराई। पुलिस ने तीनों को पास में स्थित पेट्रोल पंप पर बैठाया।
फतेहपुर से मंगाई गाड़ी उन्होंने उनके खाने—पीने का भी इंतजाम किया। फिर पुलिस ने उसके परिजनों से बातकर फतेहपुर से गाड़ी मंगाने को कहा। इस बीच पुलिस लगातार गाड़ी के ड्राइवर के संपर्क में रही। बुधवार देर रात गाड़ी गाजियाबाद पहुंची। गाड़ी से गर्भवती महिला के साथ तीनों को यहां से रवाना किया। गुरुवार को महिला अपने परिजनों के साथ फतेहपुर पहुंच गई।
पुलिस को दिया धन्यवाद मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सोनी ने कहा कि उसके पति खेती करते हैं। उसके पिता भी किसान हैं। उसके चाचा गुरुग्राम में एक्सपोर्ट हाउस में काम करते हैं। वह दिल्ली घूमने की इच्छा के साथ पति की अनुमति से चाचा के पास आई थी। उसे इस तरह लॉकडाउन की उम्मीद नहीं थी। उसने मदद के लिए गाजियाबाद पुलिस का शुक्रिया अदा किया है।
रामपुर में महिला सिपाही का दिल पसीजा गाजियाबाद के अलावा एक तस्वीर रामपुर से भी सामने आई है। गुरुवार को रामपुर के अंबेडकर पार्क के महिला सिपाही पास मोनिका तैनात थी। उन्होंने वहां से गुजर रहे मजदूरों के बच्चों को खाना खिलाया। गर्मी में बच्चों के साथ पैदल आती महिला को देख उन्होंने उसे रोका। इसके बाद औपचारिक पूछताछ की और भूख–प्यास से तड़प रहे महिला और बच्चों को खाना खिलाया। सिपाही ने बच्चों को कोल्ड ड्रिंक भी पिलवाई।