मंगलवार को गया था मंदिर पीड़ित अरुण कुमार ने आरोप गलाया कि मंगलवार को वह भोपुरा स्थित शिव मंदिर में हनुमान जी को चोला चढ़ाने गए थे। वहां उन्हें जातिवाद की बात करते हुए चोला चढ़ाने से मना कर दिया। उन्होंने जब इसका विरोध किया तो उनके साथ अपशब्द कहते हुए गालीगलौच की गई अौर जातिसूचक शब्द कहे गए। वह जब अपने परिजनों के साथ वहां फिर से पहुंचे तो उनके साथ भी गालीगलौच की गई। इसके बाद इस मामले में पंचायत भी बुलाई गई, जिसमें पुजारी ने अपनी गलती मानी। इस मामले में पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।
कहा- बौद्ध धर्म में नहीं होता है अपमान पीड़ित का कहना है कि बौद्ध धर्म में किसी का अपमान नहीं किया जाता। वहां पर ऊंच-नीच नहीं देखी जाती, इसलिए उन्होंने बौद्ध धर्म अपनाया है। अरुण के भाई हिमांशु का कहना है कि जब उस धर्म में उनकी इज्जत नहीं है तो फिर उन्होंने बौद्ध धर्म अपनाने का फैसला लिया। हालांकि, इस विषय में मंदिर की तरफ से कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं है। पुलिस को की गई शिकायत की कॉपी उनके पास है। फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया है। वहीं, बौद्ध धर्म की दीक्षा दिलवाने वाले धर्म प्रचारक का कहना है कि 65 से 70 लोगों को बौद्ध धर्म की दीक्षा दी गई है। उधर, आरोपी पुजारी का भी कहना है कि बात को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है। इस तरह की बात उनके द्वारा नहीं कही गई है। यह सब पहले से ही सुनियोजित मामला लग रहा था। उधर, सीओ साहिबाबाद राकेश मिश्रा का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है।