पार्किंग में 900 वाहनों की होगी क्षमता
जीडीए के अफसरों के मुताबिक इस ऑटोमैटिक अंडरग्राउंड मैकनाइज्ड पार्किंग में 900 वाहन खड़े हो सकेंगे। यह गाजियाबाद जिले की सबसे बड़ी पार्किंग होगी। अभी तक वैशाली मेट्रो की मल्टिलेवल पार्किंग में 400 वाहन और कलेक्ट्रेट में बनी मल्टिलेवल पार्किंग में 200 वाहन खड़े करने की व्यवस्था है।
इंदिरापुरम में भी बनाई जाएगी ऑटोमैटिक अंडरग्राउंड मैकनाइज्ड पार्किंग
इसके अलावा शहर में दूसरी पार्किंग इंदिरापुरम में स्वर्णजयंती पार्क के दक्षिणी गेट के पास 1600 वर्गमीटर जमीन पर बनाई जाएगी। इस का निर्माण भी पीपीपी मॉडल पर किया जाएगा। इस पार्किग पर 6 करोड़ रुपये का खर्च आने की संभावना है। इसमें 200 कार और 100 दोपहिया वाहनों को खड़ा किया जा सकता है।
ऑटोमैटिक अंडरग्राउंड मैकनाइज्ड पार्किंग ऐसे करेगी काम
इस ऑटोमैटिक अंडरग्राउंड मैकनाइज्ड पार्किंग के प्रवेश द्वार पर कार खड़ी करने की जगह होगी। यहां पर गाड़ी खड़ी करने के बाद बाहर निकलकर एटीएम की तरह लगी मशीन से टोकन लेना होगा। टोकन लेते ही गाड़ी खुद-बखुद पार्किंग स्थल पर चली जाएगी। वापसी में एग्जिट डोर पर बैठे कर्मचारी को पार्किंग शुल्क देना होगा। इसके बाद जिस मशीन से टोकन लिया गया था, टोकन को उसमें डालना होगा। टोकन डालते ही कार अपने आप बाहर आ जाएगी।
इतनी लगेगी फीस
इस ऑटोमैटिक अंडरग्राउंड मैकनाइज्ड पार्किंग में चार घंटे गाड़ी खड़ी करने के लिए 60 रुपये का भुगतान करना होगा। दोपहिया वाहनों के लिए चार घंटे का पार्किंग शुल्क 20 रुपये होगा। खास बात ये है कि समय बढ़ने के साथ शुल्क भी दोगुना-तीनगुना होता जाएगा। प्राधिकऱण की टीम ने दिल्ली और अन्य स्थानों में बनी ऐसी पार्किंग में लगने वाले शुल्क का सर्वे करने के बाद यह संभावित दर तय करने की बात कही है। पार्किंग तैयार होने के बाद वाहनों की पार्किंग का किराया वर्तमान की संभावित दर से ज्यादा और कम भी हो सकता है।