इस प्रोजेक्ट के मैनेजर रजनीश चौधरी एमबीए पास हैं। 14 साल तक टेलीकॉम कंपनी और एमएनसी कंपनी में जॉब करने के बाद उन्हाेंने 12 एकड़ जमीन के एक जलाशय मत्स्य पालन की शुरुआत की थी। अब उन्हाेंने मसूरी इलाके में पिछले काफी समय से बंजर पड़ी करीब 100 एकड़ जमीन को टेंडर के जरिए 10 साल के लिए लिया है। इस जमीन में मत्स्य पालन के लिए एक साल से जलाशय तैयार किया जा रहा था। शनिवार को इस प्रोजेक्ट की शुरुआत हाे गई है। मत्स्य पालन निदेशक लखनऊ और गाजियाबाद के जिलाधिकारी व सीडीओ ने जलाशय में मत्स्य बीज संचय करते हुए जलाशय के चारों तरफ वृक्षारोपण कराया।
मत्स्य पालन निदेशक लखनऊ सुनील कुमार सिंह ने बताया कि दिल्ली एनसीआर में भी मत्स्य पालन की यह शुरुआत है। इस प्रोजेक्ट से जहां जमीन के नीचे जल स्तर बढ़ेगा वहीं चारों और किए गए पौधारोपण से वातावरण को भी लाभ हाेगा। इसके साथ ही बंजर पड़ी करीब 100 एकड़ जमीन को भी कामयाब किया गया है। यहां पर एक बड़ा जलाशय तैयार कर मछली पालन के लिए रोल मॉडल के रूप में बनाया गया है। उन्हाेंने उम्मीद जताई कि अब इस रोल मॉडल को देखकर अन्य लोग भी प्रेरित होंगे और युवाओं को रोजगार मिलेगा।
प्रदेश के अन्य जिलों में भी ऐसी बंजर भूमि की तलाश की जा रही है। प्रदेश में जहां भी इस तरह की बंजर भूमि मिलेंगी वहां पर भी इसी तरह का प्रयोग किया जाएगा। मसूरी इलाके में बनाए गए इस मछली पालन के जलाशय को नेशनल कृषि डेवलपमेंट बोर्ड हैदराबाद को दिया गया है। इस परियोजना को भारत सरकार ने भी चिन्हित कर लिया है और जल्द ही इस जलाशय को देखने के बाद अन्य जिलों में भी इस तरह की संभावनाएं तलाशी जाएंगी।