यह भी देखें-मुरादनगर शमशान घाट हादसे में अभी तक 25 की मौत, नगर पालिका की ईओ, इंजीनियर और सुपरवाइजर गिरफ्तार दरअसल, रविवार को यूपी गेट आंदोलन स्थल पर रविवार को बारिश के चलते हाल बेहाल रहा। किसानों के बीच उनका हाल जानने के लिए पहुंचे भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत ने किसानों का उत्साह बढ़ाते हुए कहा कि सरकार के साथ वार्ता है। इसमें अगर कोई सकारात्मक परिणाम सामने नहीं आता, तो किसान दिल्ली की ओर कूच की तैयारी करेंगे। किसानों ने उनसे बताया कि अलाव के लिए आई लकड़ियां भीग गई हैं। वहीं, लंगर, भंडारे का सामान भी भीगकर खराब हो गया।
टिकैत ने बताया कि बारिश के बावजूद एक भी ट्राली या किसान घर वापस नहीं गया है। किसान व बुजुर्ग इस कड़ाके की ठंड में अपने गांव जाने को तैयार नहीं हैं। कुछ बुजुर्ग किसान घर लौटे, तो उनके परिवार ने मिशन की याद दिलाकर वापस लौटा दिया। उन्होंने कहा कि आंदोलन स्थल पर होने वाली किसानों की मृत्यु की जिम्मेदारी सरकार की है। आंदोलन स्थल मंच पर 11 किसान 24 घंटे के लिए भूख हड़ताल पर रहे।